हैदराबाद 2007 बम धमाका मामला: 11 साल बाद आए फैसले में दो दोषी करार, दो आरोपी बरी हुए थे दो धमाके हैदराबाद में आम दिनों की तरह 25 अगस्त को भी चहल-पहल थी। लोग अपनी-अपनी दुनिया में मस्त थे, लेकिन इन लोगों को नहीं पता था कि उनकी दुनिया आज उजड़ने वाली है। मशहूर गोकुल चाट की दुकान पर रोज की तरह भीड़ थी, भगवान बुद्ध को समर्पित लुंबिनी पार्क के लेजर ऑडिटोरियम भी लोगों से खचाखच भरा हुआ था। वक्त 7 बजकर 30 मिनट रहा होगा। तभी एक के बाद एक दो धमाके होते हैं। गोकुल चाट और लुंबिनी पार्क में। धमाके से सभी के आखों के आगे अंधेरा छा जाता है। चीख पुकार का वो शोर उठता है कि जिसकी आवाज पूरे देश में गूंजती है। इन धमाकों के बाद हैदराबाद समेत पूरे भारत में हड़कंप मच गया।