script

मालेगांव ब्लास्ट: ‘नई सरकार से नरम रवैये का दबाव’

Published: Jun 25, 2015 08:15:00 am

मालेगांव विस्फोट मामले में SPP रोहिणी सालियान ने आरोप लगाया है कि जब से नई सरकार सत्ता में आई है, वह काफी दबाव में हैं

rohini salian

rohini salian

मुम्बई। वर्ष 2008 के मालेगांव विस्फोट मामले में विशेष लोक अभियोजक रोहिणी सालियान ने एक सनसनीखेज आरोप लगाया है कि पिछले एक साल से “जब से नई सरकार सत्ता में आई है”, वह काफी दबाव में हैं। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) का दबाव है कि वे इस मामले में “नरम रवैया” अपना लें। उल्लेखनीय है कि साल 2008 में रमजान के महीने में हुए इस विस्फोट में चार लोगों की मौत हो गई थी। इस मामले में हिन्दू कट्टरपंथियों पर विस्फोट की साजिश रचने का आरोप है।

एक अंग्रेजी अखबार को दिए साक्षात्कार में रोहिणी ने कहा कि पिछले साल एनडीए सरकार के सत्ता में आने के बाद एनआईए के एक अधिकारी का फोन आया कि इस मामले में आरोपी हिन्दू कट्टरपंथियों को लेकर कुछ बात करनी है। उन्होंने कहा कि “वह फोन पर बात नहीं करना चाहतीं।” इसके बाद वह अधिकारी मेरे पास आया और उसने कहा कि आपके लिए एक संदेश है कि मुझे “सॉफ्ट” हो जाना चाहिए।

उन्होंने बताया कि इस महीने तो यह मामला और बढ़ गया। 12 जून को मामले की सुनवाई से ठीक पहले उसी अधिकारी ने मुझे कहाकि, “मुखिया” चाहते कि मेरे स्थान पर कोई और वकील कोर्ट में उपस्थित होगा। सालियान जानी मानी वकील हैं और जेजे शूटआउट, बोरिवली डबल मर्डर, भरत शाह मामला और मुलुंड ब्लास्ट जैसे केस की पैरवी कर चुकी है।

ट्रेंडिंग वीडियो