मालूम हो कि ज्यादातर प्राइवेट लैब 5,000 रुपये में कोविड-19 समेत 50 या उससे अधिक टेस्ट का पैकेज ऑफर कर रही हैं। लोग मजबूरन ये सुविधाएं ले रहे हैं। ऐसे में आईसीएमआर का कहना है कि जब देश में टेस्ट किट की कीमत लगातार कम हो रही है। ऐसे में प्राइवेट लैब्स को भी टेस्टिंग की कीमतों को कम करना चाहिए।
आईसीएमआर ने प्राइवेट लैब्स से पहले मुफ्त में कोरोना टेस्ट करने की अपील की थी। हालांकि लैब की ओर से इस प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया। उनकी दलील थी कि उन्हें अपने कर्मचारियों का वेतन देना पड़ता है और साथ ही किट तथा रीजेंट की लागत भी चुकानी पड़ती है। ऐसे में वे मुफ्त में जांच नहीं कर सकते हैं। इसके लिए कॉस्ट लेनी जरूरी है।