मुंबई। पिछले हफ्ते ही आईआईटी-बी बोर्ड के चेयरमैन परमाणु वैज्ञानिक अनिल काकोडकर के इस्तीफे पर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। उनका इस्तीफा देश के वैज्ञानिक और शैक्षिक समुदाय को नागवार गुजर रहा है। एक अंग्रेजी साइट के मुताबिक एचआरडी मंत्रालय में दो इस्तीफे अब तक पेंडिंग चल रहे हैं।
काकोडकर को पिछले हफ्ते इस्तीफा देने के बावजूद अपनी पोस्ट पर बने रहने के लिए कहा गया है। इसी तरह दिसंबर में आरके शेवगाओंकर के इस्तीफा देने के बाद भी उन्हें अपना ऑफिस संभालने के लिए कहा गया। इस बारे में एक प्रोफेसर का कहना है कि दोनों ही अपने क्षेत्र के प्रतिष्ठित व्यक्ति हैं। डायरेक्टर्स कठिन प्रोसेस के बाद चुने गए हैं और इन लोगों का इस्तीफा देना संस्थानों के लिए एक भारी नुकसान है।
आईआईटी बोर्ड के एक सदस्य ने आरोप लगाते हुए कहा कि सामान्यत: इन डायरेक्टर्स के पदों के लिए शॉर्टलिस्ट सदस्य की संख्या सिंगल डिजीट में होती है। 37 लोगों को इंटरव्यू के लिए बुलाना बेतुका लगता है। इन सब से भी ज्यादा एचआरडी मंत्री स्मृति ईरानी किसी भी स्थिति से परिपक्व तरीके से निपटने में सक्षम नहीं है।