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मामले की सुनवाई कर रहे जस्टिस अशोक भूषण और के. एम. जोसफ की पीठ ने निर्देश जारी करते हुए कहा कि अवैध रूप से निकाले गए कोयले को कोल इंडिया लिमिटेड को सौंप दें। कोल इंडिया लिमिटेड अवैध रूप से खनन ( Illegal mining in Meghalaya ) कर निकाले गए कोयले की नीलामी करेगी और इससे प्राप्त राशि राज्य सरकार ( Meghalaya Government ) के पास जमा कराएगी। हालांकि, पीठ ने संबंधित अधिकारियों की अनुमति से निजी और सामुदायिक स्वामित्व वाली भूमि पर खनन जारी रखने की इजाजत दे दी।
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गौरतलब है कि एनजीटी ने तीन सदस्यीय समिति की एक रिपोर्ट पर संज्ञान लेते हुए 4 जनवरी को मेघालय सरकार पर जुर्माना लगाया था। NGT ने इस रिपोर्ट में कहा था कि राज्य में करीब 24,000 खदानें थी जिनमें से अधिकांश अवैध थीं। इससे पहले उच्चतम न्यायालय ने पिछले साल दिसंबर में राज्य में कोयला खदान ( illegal mining in Meghalaya ) त्रासदी के मद्देनजर कोयले के परिवहन पर प्रतिबंध लगा दिया था।