scriptआईएमएफ: बायोमैट्रिक वेरिफिकेशन सिस्टम में भारत सबसे आगे | IMF says india is leading the biomatric identification system | Patrika News

आईएमएफ: बायोमैट्रिक वेरिफिकेशन सिस्टम में भारत सबसे आगे

locationनई दिल्लीPublished: Apr 13, 2018 10:06:44 am

आईएमएफ ने कहा है कि भारत में जैविक पहचान और इलेक्ट्रॉनिक भुगतान ने एलपीजी छूट की खामियों को कम करने में मदद की है।

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नई दिल्ली। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने डिजिटल गवर्नेंस पर जारी वित्तीय निगरानी रिपोर्ट में जैविक पहचान प्रणाली के मामले में भारत को अग्रणी बताया है। बता दें कि जैविक पहचान प्रणाली आधार में भारत में पंजीकरण के मामले सबसे अधिक हैं। आईएमएफ ने कहा हैं कि भारत में जैविक पहचान और इलेक्ट्रॉनिक भुगतान ने सब्सिडी योजनाओं की कई खामियों को कम करने में मदद की है। आईएमएफ रिपोर्ट में कहा गया हैं कि , ‘‘जैविक पहचान प्रणाली आधार में 1.2 अरब पंजीकृत नागरिकों के साथ भारत इस क्षेत्र में अग्रणी है।’’
आईएमएफ ने गुरुवार को कहा कि भारत को आधार इतने विशाल आइडेंटिफिकेशन कार्यक्रम के क्रियान्वयन में गोपनीयता एवं सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक कदम उठाने होंगे। आईएमएफ ने वर्तमान में जैविक पहचान प्रणाली के मामले में भारत को अग्रणी बताया है। डिजिटल गवर्नेंस पर जारी वित्तीय निगरानी रिपोर्ट में कहा कि प्रशासन को डिजिटल और अत्याधुनिक बनाए जाने की आवश्यकता पर बल देते हुए आईएमएफ ने कहा कि ऐसे प्रयासों से मजबूत प्रशासन और वित्तीय पारदर्शिता अमल में लायी जा सकती है। इससे वित्तीय नीतियों के प्रति सार्वजनिक जागरूकता सुनिश्चित होती है। रिपोर्ट में जोर दिया गया हैं कि सरकार को अपने नागरिकों के पर्सनल डेटा को सुरक्षित करने के लिए व्यापक कदम उठाने होंगे।

बता दें कि भारत सरकार आधार संख्या को सभी प्रकार के बैंकिंग अनुप्रयोगों के लिए पहले ही जरुरी करार दे चुकी है। सरकार का कहना है कि आधार और पैन के सम्मलित प्रयोग से आयकर चोरी, कालेधन का प्रचलन और अन्य वित्तीय अनियनितताओं का प्रयोग रुकेगा। भारत में यूआईडीएआई को आधार से जुड़े मामलों के क्रियान्वन का अधिकार है। दूसरी ओर सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार 11 अप्रैल को केंद्र सरकार से पूछा था कि आधार, मनीलांड्रिंग की समस्या पर लगाम कैसे कसेगा ? प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्र की अध्यक्षता वाली पांच न्यायाधीशों की पीठ ने यह सवाल उस समय पूछा जब भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण द्वारा कहा गया कि हवाला लेनदेन और मनीलांड्रिंग की समस्याएं वैश्विक चिंताएं हैं और उन पर काबू करने में आधार मददगार साबित होगा। बता दें कि यह पीठ आधार और इससे जुड़े 2016 के कानून की वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर लगातार सुनवाई कर रही है।
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