दुनिया की जीडीपी का 225 फीसदी हो चुका है कर्ज गौरतलब है कि IMF हर 6 महीने में फिस्कल मॉनिटर रिपोर्ट जारी करता है। रिपोर्ट के मुताबिक साल 2016 में ग्लोबल पब्लिक और प्राइवेट कर्ज बढ़कर अपने सबसे उच्च स्तर पर पहुंच चुका है और यह दुनिया की जीडीपी का 225 प्रतिशत हो चुका है। इससे पहले वैश्विक कर्ज 2009 में अपने उच्च पर था। IMF के फिस्कल अफेयर्स विभाग के प्रमुख विटोर गैस्पर ने एक कहा कि ‘164 ट्रिलियन का आंकड़ा बहुत ही बड़ी संख्या होती है। जब हम आसन्न जोखिमों की बात करते हैं उनमें से एक बड़ा जोखिम पब्लिक और प्राइवेट कर्ज का उच्च स्तर है।’
राजकोषीय घाटा को लेकर IMF का सुझाव
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने देशों से अपने राजकोषीय घाटा को लेकर अहम कदम उठाने का सुझाव दिया है। मुद्रा कोष ने अमरीका से अपनी फिस्कल पॉलिसी को दोबारा तय करने को कहा है। बता दें कि अमेरिका का फिस्कल डेफिसिट जिस गति से बढ़ रहा है, उस हिसाब से वह 2020 में 1 ट्रिलियन डॉलर यानी 1 लाख करोड़ डॉलर तक पहुंच जाएगा। गौरतलब है कि पिछले साल सबसे ज्यादा जापान की हालत खराब थी, जापान का कर्ज GDP से 236 प्रतिशत ज्यादा है। दूसरे नंबर पर इटली है जिसका कर्ज जीडीपी के 132 प्रतिशत है और तीसरे नंबर पर अमेरिका है। अमरीका का कर्ज 108 प्रतिशत है। वहीं भारत का कर्ज GDP का 70 प्रतिशत है।
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने देशों से अपने राजकोषीय घाटा को लेकर अहम कदम उठाने का सुझाव दिया है। मुद्रा कोष ने अमरीका से अपनी फिस्कल पॉलिसी को दोबारा तय करने को कहा है। बता दें कि अमेरिका का फिस्कल डेफिसिट जिस गति से बढ़ रहा है, उस हिसाब से वह 2020 में 1 ट्रिलियन डॉलर यानी 1 लाख करोड़ डॉलर तक पहुंच जाएगा। गौरतलब है कि पिछले साल सबसे ज्यादा जापान की हालत खराब थी, जापान का कर्ज GDP से 236 प्रतिशत ज्यादा है। दूसरे नंबर पर इटली है जिसका कर्ज जीडीपी के 132 प्रतिशत है और तीसरे नंबर पर अमेरिका है। अमरीका का कर्ज 108 प्रतिशत है। वहीं भारत का कर्ज GDP का 70 प्रतिशत है।