संसद भवन में सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायधीश जेएस खेहर ने रामनाथ कोविंद को राष्ट्रपति पद की शपथ दिलाई। शपथ ग्रहण के बाद राष्ट्रपति कोविंद को 21 तोपों की सलामी दी गई।
नई दिल्ली। संसद भवन में सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायधीश जेएस खेहर ने
रामनाथ कोविंद को राष्ट्रपति पद की शपथ दिलाई। शपथ ग्रहण के बाद राष्ट्रपति कोविंद को 21 तोपों की सलामी दी गई। राष्ट्रपति कोविंद ने शपथ ग्रहण के बाद पहला आधिकारिक भाषण दिया। अपने भाषण में राष्ट्रपति कोविंद ने देश के सभी नागरिकों के विश्वास पर खरा उतरने का वचन दिया। उन्होंने देश के हर व्यक्ति को राष्ट्र निर्माता बताते हुए आम आदमी को अपनी ऊर्जा का स्त्रोत बताया।
राष्ट्रपति कोविंद के भाषण की अहम बातें
– मैं विनम्रता के साथ पद ग्रहण कर रहा हूं
– सेंट्रल हॉल आकर मेरी पुरानी यादें ताजा हुईं
– छोटे गांव और मिट्टी के घर में पला बढ़ा हूं इसलिए हर नागरिक का ध्यान रखूंगा
– हर चुनौती के बावजूद हमारे देश के लिखित संविधान में सबका ध्यान रखा गया है
-महान राष्ट्र के 125 करोड़ नागरिकों का नमन करता हूं, उनके विश्वास पर खरा उतरने का वचन देता हूं
-प्रणब दा को सर्वपल्ली राधाकृष्ण, राजेन्द्र प्रसाद की कड़ी से जोड़ा
– राष्ट्रपति कोविंद ने अपने भाषण में भीमराव अम्बेडकर को भी याद किया
-अम्बेडकर के लिए आर्थिक और सामाजिक स्वतंत्रता महत्वपूर्ण थी
-हमें ऐसे भारत का निर्माण करना है जो नैतिक आदर्श भी प्रस्तुत करे
-देश की सफलता का मंत्र विविधता है, यही हमें अद्वितीय बनाता है
-हम बहुत अलग हैं लेकिन फिर भी एक हैं और एक जुट हैं
-21वीं सदी का भारत चौथी प्रोद्योगिकी क्रांति को गति देगा
-ग्राम पंचायत और डिजिटल राष्ट्र हमारे दो स्तम्भ हैं
-राष्ट्र निर्माण का आधार है राष्ट्रीय गौरव
-सरकार के भरोसे राष्ट्र निर्माण नहीं हो सकता
-देश का हर नागरिक राष्ट्र निर्माता है
-देश की सीमा की रक्षा और भीतर रक्षा कर रहे सशस्त्र सीमाबल राष्ट्र निर्माता हैं
-किसान और खेतों में काम करने वाली महिलाएं राष्ट्र निर्माता हैं
-वैज्ञानिक और डॉक्टर राष्ट्र निर्माता हैं
-स्टार्ट अप राष्ट्र निर्माता है
-अचार बनाने का काम करने वाला भी राष्ट्र निर्माता है
-आदिवासी भी राष्ट्रनिर्माता है
-लोकसेवक भी राष्ट्र निर्माता है
-ट्रैफिक पुलिस भी राष्ट्रनिर्माता है
-शिक्षक भी राष्ट्र निर्माता है
-घरेलु महिलाएं राष्ट्र निर्माता हैं
-पूरा विश्व भारतीय संस्कृति की ओर देख रहा है
-प्रवासी भारतीयों का भारत के विकास में खासा योगदान है
-एक राष्ट्र के तौर पर हमने बहुत हासिल किया है लेकिन इससे भी आगे जाना है
-वर्ष 2022 में आजादी के 75वें साल में देश चला जाएगा
– हमें गरीब परिवार की बेटी के लिए संभावनाएं तलाशनी होगी
– आखिरी आदमी तक न्याय पहुंचाना होगा