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इमरान खान ने पहले ही भाषण में माना, ‘भारत’ से शांति कायम किए बगैर पाकिस्तान की तरक्की मुश्किल

इमरान खान का राष्ट्र को पहला संबोधन : 280 खरब रूपये के कर्ज से दबा पाक, हम बदलेंगे हालात

Aug 20, 2018 / 09:07 am

धीरज शर्मा

imran khan

इमरान खान ने पहले ही भाषण में माना, ‘भारत’ से शांति कायम किए बगैर पाकिस्तान की तरक्की संभव नहीं

नई दिल्ली। पाकिस्‍तान के 22वें प्रधानमंत्री के रूप में शपथ लेने के बाद इमरान खान ने रविवार को देश के नाम पहला संबोधन दिया। अपने भाषण में वैसे तो इमरान खान ने हर स्तर पर देश को विकास की पटरी पर लाने की बातें कहीं, लेकिन इन सबके बीच उनका सबसे ज्यादा जोर पड़ोसी मुल्क यानी भारत पर ही रहा। अपने संबोधन में इमरान खान ने ये माना कि भारत के रिश्ते सुधारे बगैर पाकिस्तान की तरक्की कर पाना मुश्किल है। इमरान खान ने साफ कहा कि पाकिस्तान ने अब अपनी दिशा नहीं बदली तो विनाश तय है। आइए जानते हैं पाकिस्तान के नए वजीर ए आजम के पहले संबोधन की खास बातें…
पाकिस्तान का प्रधानमंत्री बनने के बाद इमरान खान ने रविवार देर रात राष्ट्र के नाम अपना पहला भाषण दिया। उन्होंने सरकारी खर्चे कम करने, अर्थव्यवस्था को मजबूत करने, भ्रष्टाचार, शिशु मृत्युदर, शिक्षा और पड़ोसी देशों के साथ बेहतर रिश्ते जैसे मुद्दों पर बात की।
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आतंकवाद से लड़ने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे
अपने संबोधन में इमरान खान ने आतंकवाद का मुद्दा भी पूरे जोर के साथ उठाया है। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार नेशनल एक्‍शन प्‍लान के तहत आतंकवाद से लड़ने में कोई कसर नहीं छोड़ेगी। आतंकवाद से लड़ने के लिए हम नेशनल एक्‍शन प्‍लान में संशोधन कर उसे और सशक्‍त बनाएंगे।
विदेश नीति
इमरान ने विदेश नीति पर कहा कि हम पड़ोसी देशों से रिश्ते सुधारने की बात कर रहे हैं, क्योंकि जरूरत शांति की है, इसके बिना हम पाकिस्तान की स्थिति नहीं सुधार सकते। हालांकि, इमरान ने अपने भाषण में भारत समेत किसी भी पड़ोसी देश का सीधे तौर पर नाम नहीं लिया।
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कर्ज के लिए नवाज सरकार जिम्मेदार
इमरान ने देश पर 28 लाख करोड़ रुपए के कर्ज का जिम्मेदार पिछली पीएमएल-एन सरकार को बताया। उन्होंने कहा कि देश के इतिहास में पहली बार इतनी कठिन आर्थिक स्थिति बनी। सरकार को फिजूलखर्च पर रोक लगानी होगी। पाकिस्तान जिन आर्थिक मुश्किलों में है, वैसी मुश्किलों में वह कभी नहीं था। एक तरफ पाकिस्तान कर्ज में है, दूसरी तरफ देश का मानव विकास सूचकांक बेहद नीचे है। पाकिस्तान दुनिया के ऐसे पांच देशों में है, जहां दूषित पानी के कारण होने वाली शिशु मृत्युदर सबसे अधिक है। पोषक आहार के अभाव में देश के 45 प्रतिशत बच्चों का ठीक से विकास नहीं हो पा रहा। गर्भवती महिलाओं की मृत्यु दर भी अधिक है। इन समस्याओं को मिलकर हल करना होगा।

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