अपने संबोधन में इमरान खान ने आतंकवाद का मुद्दा भी पूरे जोर के साथ उठाया है। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार नेशनल एक्शन प्लान के तहत आतंकवाद से लड़ने में कोई कसर नहीं छोड़ेगी। आतंकवाद से लड़ने के लिए हम नेशनल एक्शन प्लान में संशोधन कर उसे और सशक्त बनाएंगे।
इमरान ने विदेश नीति पर कहा कि हम पड़ोसी देशों से रिश्ते सुधारने की बात कर रहे हैं, क्योंकि जरूरत शांति की है, इसके बिना हम पाकिस्तान की स्थिति नहीं सुधार सकते। हालांकि, इमरान ने अपने भाषण में भारत समेत किसी भी पड़ोसी देश का सीधे तौर पर नाम नहीं लिया।
इमरान ने देश पर 28 लाख करोड़ रुपए के कर्ज का जिम्मेदार पिछली पीएमएल-एन सरकार को बताया। उन्होंने कहा कि देश के इतिहास में पहली बार इतनी कठिन आर्थिक स्थिति बनी। सरकार को फिजूलखर्च पर रोक लगानी होगी। पाकिस्तान जिन आर्थिक मुश्किलों में है, वैसी मुश्किलों में वह कभी नहीं था। एक तरफ पाकिस्तान कर्ज में है, दूसरी तरफ देश का मानव विकास सूचकांक बेहद नीचे है। पाकिस्तान दुनिया के ऐसे पांच देशों में है, जहां दूषित पानी के कारण होने वाली शिशु मृत्युदर सबसे अधिक है। पोषक आहार के अभाव में देश के 45 प्रतिशत बच्चों का ठीक से विकास नहीं हो पा रहा। गर्भवती महिलाओं की मृत्यु दर भी अधिक है। इन समस्याओं को मिलकर हल करना होगा।