scriptपुलिस के लाठीचार्ज से मरने वाले जम्मू-क्श्मीर में सबसे ज्यादा | In JK 29 people died in lathicharge | Patrika News

पुलिस के लाठीचार्ज से मरने वाले जम्मू-क्श्मीर में सबसे ज्यादा

locationनई दिल्लीPublished: Dec 05, 2017 10:37:15 am

Submitted by:

Navyavesh Navrahi

साल 2016 में देश भर में लाठीजार्च से मरने वालों की संख्या बढ़ी

jammu kashmir

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पिछले साल जम्मू-कश्मीर पुलिस तथा अर्ध-सैनिक बलों की ओर से घाटी में किए गए लाठीचार्ज के दौरान मारे गए लोगों की संख्या में वृद्धि हुई है। एनसीआरबी (नेशनल क्राइम रिकॉर्ड बयूरो) की ओर से इस संबंध में जारी आंकड़े इस बात की पुष्टि करते हैं। आंकड़ों से खुलासा हुआ है कि लाठीचार्ज के दौरान राज्य में लाठीजार्च से मरने वालों की संख्या अन्य राज्यों के मुकाबले कहीं ज्यादा है।
आंकड़ों के अनुसार- जम्मू-कश्मीर पुलिस की ओर से किए गए लाठीचार्ज 29 नागरिकों की मौत हुई, जबकि पुलिस द्वारा की गई फायरिंग में केवल 15 लोक ही मारे गए। ये फायरिंग तब की गई थी, जब राज्य में हिजबुल मुजाहीदीन आतंकी बुरहान वाणी के मारे जाने पर लोग प्रदर्शकन कर रहे थे। हैरानी की बात ये है कि 2016 में राज्य में लाठीचार्ज के लिए 1959 निर्देश दिए गए, जिनमें घायल होने वाले लोगों की संख्या 375 है। जबकि 189 लोग पुलिस फायरिंग के दौरान जख्मी हुए। समूचे रूप में देखा जाए, तो पूरे देश में लाठीचार्ज के कारण मरने वालों की संख्या पिछले साल के मुकाबले बहुत ज्यादा है। यानी 2016 में 35 लोग लाठीचार्ज के कारण मरे, जबकि 2015 में ये संख्या केवल 7 थी। मरने वाल 35 लोगों में 29 जम्मू-कश्मीर के ही हैं।
पुलिसकर्मी भी हुए घायल
लाठीचार्ज के दौरान केवल आम नागरिक ही घायल नहीं हुए, बल्कि पुलिसकर्मी भी इस दौरान घायल हुए। आंकड़ों पर नजर डालें तो पूरे देश में 759 नागरिक लाठीचार्ज में घायल हुए, जबकि ऐसे में घायल होने वाले पुलिसकर्मियों की संख्या 4,713 है। इनमें से 4,502 पुलिसकर्मी अकेले जम्मू-कश्मीर से ही हैं। जबकि जम्मू-कश्मीर में लाठीचार्ज के दौरान एक पुलिसकर्मी की मौत भी हो गई थी। पुलिस द्वारा की गई गोलीबारी की बात करें, तो इस दौरान पूरे देश में 351 नागरिक और 727 पुलिसकर्मी जख्मी हुए। इनमें से 548 पुलिसकर्मी केवल कश्मीर से थे। आंकड़ों के अनुसार जम्मू-कश्मीर ऐसा राज्य है, जहां पर गोलीबारी के मुकाबले लाठीचार्ज के कारण सबसे ज्यादा मौतें हुई हैं।
गोली से मरने वलों की संख्या हरियाणा में ज्यादा
आंकड़ों के अनुसार 2016 में पुलिस की गोलीबारी के दौरान सबसे ज्यादा लोग हरियाणा में मारे गए। ये आकड़ा 22 है। जबकि 107 लोग इस दौरान घायल हुए। ये आंकड़ा उस समय का है जब हरियाणा में जाट आंदोलन चल रहा था। वे राज्य तथा केंद्र की सरकारी नौकरियों में आरक्षण की मांग को लेकर आंदोलन कर रह थे। आंकड़े दर्शाते हैं कि हरियणा में लाठीचार्ज के दौरान एक भी व्यक्ति न तो मारा गया और न ही घायल हुआ। खास बात ये कि आंकड़ों में पूरे साल के दौरान हरियाणा में लाठीचार्ज के एक भी आदेश का जिक्र नहीं है। आसाम में लाठीचार्ज पूरे साल में केवल एक ही बार हुआ। लेकिन इस दौरान 16 लोग मारे गए थे, जबकि 17 पुलिसकर्मी घायल हुए थे।
उत्तर प्रदश में सबसे ज्यादा लाठीचार्ज
जम्मू-कश्मीर के बाद उत्तर प्रदेश लाठीजार्च के ज्यादा निर्देश देने वाला राज्य है। यूपी में में 2016 में 185 बार लाठीचार्ज के आदेश दिए गए। लाठीचार्ज में भीड़ को नियंत्रित करने के टूल के तौर पर उपयोग में लाया जाता है। जिसमें गोलीबारी नहीं की जाती। आंकड़ों के अनुसार घाटी में भीड़ पर काबू पान के लिए लाठियों के अलावा पैलेट गन जैसे गैर-घातक हथियारों का इस्तेमाल किया गया।
पैलेट गन को मॉडिफाई किया
पैलेट गन के छर्रों से भी लोग घायल होते हैं। भीड़ को अन्य किन तरीकों से नियंत्रित किया जा सकता है, इसके लिए सरकार ने एक कमेटी का गठन किया था। कमेटी ने सुझाव दिया था कि ऐसे मौकों पर पैलट गन का इस्तेमाल कम से कम किया जाए। इसके बजाय आंसूगैस के गोले ज्यादा प्रभावी हो सकते हैं। इस साल सीआरपीएफ ने भी पैलेट गन को मॉडीफाई किया है। इन्हें इस्तेमाल करने के लिए भी नए निर्देश थे। आंकड़ों में इस बात का उल्लेख है कि पुलिस ने दंगों के दौरान या फिर आत्म रक्ष के लिए ही लाठीयार्ज या फिर गोलीबारी का सहारा लिया।
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