गुरुवार को रूस के उप-विदेश मंत्री सर्गेई रयाकोकोव ने भारत का समर्थन करते हुए ये माना है कि भारत और पाकिस्तान की तरफ से एनएसजी की सदस्यता के लिए जो अर्जियां दी गई हैं उनमें बिल्कुल भी समानता नहीं है और न ही दोनों की एक साथ तुलना की जा सकती है। इसके अलावा रूस के उप विदेश मंत्री ने ये भी कहा है कि दोनों देशों की अर्जियों पर एक साथ फैसला किया जा सकता है। रूस के उप विदेश मंत्री की तरफ से ये संकेत दे दिए गए हैं कि भारत और पाकिस्तान में से सिर्फ एक ही देश को एनएसजी की सदस्यता दी जा सकती है।
दरअसल, बुधवार को रूस के उप विदेश मंत्री सर्गेई रयाबकोव ने विदेश सचिव एस. जयशंकर से मुलाकात की। विदेश सचिव एस. जयशंकर से मुलाकात के बाद रयाबकोव ने कहा, ‘एनएसजी सदस्यता की दावेदारी के लिए पाकिस्तान के आवेदन पर कोई सर्वसम्मति नहीं है और इसे भारत की दावेदारी के साथ नहीं जोड़ा जा सकता।’ आपको बता दें कि यह पहली बार है जब रूस के किसी सीनियर डिप्लोमेट ने सार्वजनिक रूप से दो मामलों को एक साथ जोड़ने पर प्रतिक्रिया दी हो। उन्होंने कहा, ‘हम इस मसले की जटिलताओं से परिचित हैं, लेकिन हम उन देशों की तरह नहीं जो केवल बात करते हैं, बल्कि हम वास्तविक रूप से कोशिश कर रहे हैं।
आपको बता दें कि इस साल की शुरुआत में विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कहा था कि भारत ने चीन को समझाने के लिए रूस से संपर्क किया है। चीन भारत को मेरिट के आधार पर एनएसजी की सदस्यता देने का विरोध कर रहा है और पाकिस्तान के लिए वो समर्थन कर रहा है। इसी को देखते हुए भारत ने रूस को कहा था कि वो चीन को इस बाबत मनाए।