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NSG की सदस्यता पर भारत को मिला रूस का समर्थन, चीन और पाकिस्तान को लगा झटका

Published: Dec 07, 2017 02:12:08 pm

Submitted by:

Kapil Tiwari

रूस के उप विदेश मंत्री ने कहा है कि एनएसजी की सदस्यता के लिए भारत और पाकिस्तान की दी हुई अर्जियों की कोई बराबरी नहीं है।

Russia Support to India

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नई दिल्ली: NSG की सदस्यता के लिए पिछले काफी समय से कोशिशों में जुटे भारत को अब रूस का भी समर्थन मिल गया है। इसके साथ ही पाकिस्तान और चीन को बड़ा झटका लगा है। आपको बता दें कि चीन पहले से ही एनएसजी का सदस्य है, लेकिन वो भारत की जगह पाकिस्तान को सदस्यता दिलवाने की वकालत करता आ रहा है। साथ ही चीन एनएसजी में भारत की एंट्री का कड़ा विरोध करता है।
भारत-पाकिस्तान की एक साथ तुलना बेकार है- रूस
गुरुवार को रूस के उप-विदेश मंत्री सर्गेई रयाकोकोव ने भारत का समर्थन करते हुए ये माना है कि भारत और पाकिस्तान की तरफ से एनएसजी की सदस्यता के लिए जो अर्जियां दी गई हैं उनमें बिल्कुल भी समानता नहीं है और न ही दोनों की एक साथ तुलना की जा सकती है। इसके अलावा रूस के उप विदेश मंत्री ने ये भी कहा है कि दोनों देशों की अर्जियों पर एक साथ फैसला किया जा सकता है। रूस के उप विदेश मंत्री की तरफ से ये संकेत दे दिए गए हैं कि भारत और पाकिस्तान में से सिर्फ एक ही देश को एनएसजी की सदस्यता दी जा सकती है।
पहली बार रूसी डिप्लोमेट ने दिया है बड़ा बयान
दरअसल, बुधवार को रूस के उप विदेश मंत्री सर्गेई रयाबकोव ने विदेश सचिव एस. जयशंकर से मुलाकात की। विदेश सचिव एस. जयशंकर से मुलाकात के बाद रयाबकोव ने कहा, ‘एनएसजी सदस्यता की दावेदारी के लिए पाकिस्तान के आवेदन पर कोई सर्वसम्मति नहीं है और इसे भारत की दावेदारी के साथ नहीं जोड़ा जा सकता।’ आपको बता दें कि यह पहली बार है जब रूस के किसी सीनियर डिप्लोमेट ने सार्वजनिक रूप से दो मामलों को एक साथ जोड़ने पर प्रतिक्रिया दी हो। उन्होंने कहा, ‘हम इस मसले की जटिलताओं से परिचित हैं, लेकिन हम उन देशों की तरह नहीं जो केवल बात करते हैं, बल्कि हम वास्तविक रूप से कोशिश कर रहे हैं।
चीन को मनाने में जुटा है रूस
आपको बता दें कि इस साल की शुरुआत में विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कहा था कि भारत ने चीन को समझाने के लिए रूस से संपर्क किया है। चीन भारत को मेरिट के आधार पर एनएसजी की सदस्यता देने का विरोध कर रहा है और पाकिस्तान के लिए वो समर्थन कर रहा है। इसी को देखते हुए भारत ने रूस को कहा था कि वो चीन को इस बाबत मनाए।
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