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India-China Dispute: राजनाथ सिंह ने LAC को लेकर बुलाए तीनों सेनाध्यक्ष और CDS

locationनई दिल्लीPublished: Jul 10, 2020 07:17:41 pm

रक्षा मंत्री ने शुक्रवार को राजधानी में वास्तविक नियंत्रण रेखा ( Line of Actual Control ) पर हालात की समीक्षा की।
भारत-चीन सीमा विवाद ( india-china dispute ) के बाद तनाव स्थलों से सेना हटाने की पहले चरण की प्रक्रिया ( Disengagement process ) पूरी।
अगले सप्ताह दोनों देशों के कोर कमांडरों के बीच फिर होगी लद्दाख ( Ladakh border ) की स्थिति पर आगे की रणनीति पर चर्चा।

India-China Dispute: Rajnath Singh reviews situation along LAC

India-China Dispute: Rajnath Singh reviews situation along LAC

नई दिल्ली। भारत-चीन सीमा विवाद ( india-china dispute ) के बाद दोनों सेनाओं के पीछे जाने की प्रक्रिया ( Disengagement process ) पूरी होने के बाद पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा ( Line of Actual Control ) पर हालात की समीक्षा के लिए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ( Defence Minister Rajnath Singh ) ने शुक्रवार को एक बैठक बुलाई। रक्षा मंत्री ने शीर्ष सैन्य अधिकारियों के साथ एलएसी पर चीन की पीपुल्स लिब्रेशन आर्मी के पीछे जाने और मौजूदा हालात पर गहन चर्चा की।
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उच्च पदस्थ सरकारी सूत्रों के मुताबिक रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की इस समीक्षा बैठक में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत ( general bipin rawat ), आर्मी चीफ जनरल एमएम नरवणे, नेवी चीफ एडमिरल करमबीर सिंह और एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया समेत तमाम वरिष्ठ सैन्य अधिकारी मौजूद रहे।
इस दौरान सेनाध्यक्ष जनरल नरवणे ने गलवान घाटी, गोगरा, हॉट स्प्रिंग्स और पैंगोंग त्सो के फिंगर 4 इलाकों में दोनों देशों की सेनाओं के वापस हटने पर आपसी सहमति के पहले चरण को लागू किए जाने की पूरी जानकारी दी। सूत्रों का कहना है कि सेनाध्यक्ष ने रक्षा मंत्री को इस इलाके में किसी भी आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए भारतीय सेना की पुख्ता तैयारी के बारे में बताया।
https://twitter.com/rajnathsingh/status/1281481316404301824?ref_src=twsrc%5Etfw
इसके अलावा सेनाध्यक्ष ने रक्षा मंत्री के सामने पूर्वी लद्दाख ( Ladakh border ) के साथ ही अरुणाचल प्रदेश, उत्तराखंड और सिक्किम में वास्तविक नियंत्रण रेखा से जुड़े संवेदनशील इलाकों के मौजूदा हालात को लेकर विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत की।
सरकार के सूत्रों के मुताबिक जैसे-जैसे दोनों देशों की सेनाओं के पीछे हटने की पहले चरण की प्रक्रिया पूरी होने जा रही है, दोनों पक्ष अब अगले सप्ताह की शुरुआत में कोर कमांडर स्तर की चौथे चरण की चर्चा के लिए तैयार हैं। इस दौरान दोनों पक्ष पीछे के मोर्चे पर तैनात अपने सैनिकों को वहां से हटाने के तौर-तरीकों को अंतिम रूप दिए जाने पर चर्चा करेंगे।
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दोनों पक्षों ने एक अस्थायी उपाय के रूप में गलवान घाटी, गोगरा और हॉट स्प्रिंग्स के तीन तनाव स्थलों पर तीन किलोमीटर के एक बफर जोन बनाने का काम पूरा किया है। उन्होंने कहा कि पैंगोंग त्सो में फिंगर 4 क्षेत्र में चीनी सैनिकों की संख्या बेहद कम हो गई है।
पूर्वी लद्दाख के कई स्थानों पर दोनों सेनाओं के आमने-सामने आने के आठ सप्ताह के बाद सोमवार को तनाव स्थलों से दोनों देशों के सैनिकों के पीछे हटने की प्रक्रिया शुरू हो गई। भारतीय और चीनी सेनाएं पिछले आठ हफ्तों से पूर्वी लद्दाख में कई स्थानों पर गंभीर तनाव के बीच आमने-सामने थीं। गलवान घाटी ( india china standoff galwan valley ) में बीते 15 जून की रात हुई हिंसक झड़प के बाद तब तनाव कई गुना और बढ़ गया था, जिसमें भारतीय सेना के 20 जवान शहीद हुई थे।
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