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हमारा रक्षा बजट चीन से एक तिहाई, फिर भी टक्कर बराबर की

Published: Sep 09, 2017 03:53:00 pm

Submitted by:

Dharmendra

 ड्रैगन बनाम लॉयन : सैन्य क्षमता के लिहाज से भारत मामूली अंतर से एक पायदान नीचे। कुल उपलब्ध सैन्य बल के लिहाज से हम चीन से भी आगे।

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पत्रिका ब्यूरो
नई दिल्ली. चीन के मुकाबले भारत महज एक तिहाई रकम खर्च कर के भी इसे वास्तविक सैन्य शक्ति के लिहाज से पूरी टक्कर दे रहा है। कुल सैन्य बल के लिहाज से तो यह चीन से भी आगे खड़ा है। ताजा अंतरराष्ट्रीय रैंकिंग में चीन को जहां तीसरी सबसे बड़ी सैनिक ताकत के रूप में रखा गया है, वहीं मामूली से अंकों से पीछे रह कर भारत चौथे स्थान पर है। पाकिस्तान इसमें 13वें पायदान पर है, जबकि अमरीका और रूस पहले व दूसरे स्थान पर हैं।
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 रैंकिंग में दोनों आसपास
प्रधानमंत्रनरेंद्र मोदी की चीन यात्रा के ठीक पहले दोनों देशों के बीच तनातनी कम तो हुई है, लेकिन दोनों तरफ से आ रहे बयानों से जाहिर है कि यह पूरी तरह टली नहीं है। लेकिन संतोष की बात है कि दर्जनों प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष पैमानों के आधार पर होने वाली अंतरराष्ट्रीय सैन्य शक्ति रैकिंग में दोनों देश बिल्कुल आस-पास ही खड़े हैं। इसने दुनिया के 133 प्रमुख देशों की सैन्य शक्तियों की तुलना की है। पाकिस्तान इस लिहाज से बहुत पीछे है। युवा होने की वजह से हर साल सैन्य भर्ती की उम्र में पहुंचने वाले लोगों की संख्या के लिहाज से भी भारत चीन से आगे है।
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 यह है रक्षा बजट
चीन सेना पर होने वाले अपने खर्च को ले कर पारदर्शिता नहीं बरतता। सरकारी सूत्रों का दावा है कि इसका रक्षा बजट इस वर्ष के लिए 1.4 खरब युआन यानी 151 अरब अमरीकी डॉलर होंगे। जबकि इस रिपोर्ट में इसे 161 अरब डॉलर आंका है। इसी तरह भारत इस वर्ष 3.6 लाख करोड़ रुपये यानी 51 अरब डॉलर खर्च करने की तैयारी में है। पाकिस्तान इस साल सात अरब डॉलर रक्षा पर खर्च करने वाला है, हालांकि उसकी अर्थव्यवस्था के लिहाज से यह रकम भी बहुत बड़ी है पिछले दिनों डोकलाम में भारत और चीन के बीच सीमा पर गहराए के बाद मद्देनजर भारतीय थलसेना के लिए अपनीताकतबढछह अपाचे अटैक हेलिकॉप्टर खरीदे जाएंगे। रक्षा मंत्रालय ने इस संबंध में मंजूरी दे दी है। हेलिकॉप्टरों की खरीद पर 4,168 करोड़ रुपए का खर्च आएगा। थलसेना को पहली बार अटैक हेलिकॉप्टर मिलेंगे।
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