इन कंट्रोल रूम्स की व्यवस्था लेबर इंफोर्समेंट ऑफिसर, असिस्टेंट लेबर कमिश्नर, क्षेत्रीय श्रम आयुक्त जैसे अधिकारियों के हाथ में रहेगी। पीड़ित प्रवासी मजदूर मोबाइल, वॉट्सऐप तथा ईमेल के जरिए अपनी शिकायतें दर्ज करा सकेंगे। गत वर्ष भी ऐसे ही कंट्रोल रूम्स के माध्यम से लाखों मजदूरों की समस्याओं का समाधान किया गया था।
श्रम एवं रोजगार मंत्रालय के सेक्रेटरी अपूर्व चंद्रा ने एक बयान जारी कर कहा कि विभिन्न राज्यों में कर्फ्यू व लॉकडाउन के हालातों को देखते हुए प्रवासी मजदूरों की मदद के लिए श्रम मंत्रालय ने गत वर्ष की भांति देश भर में 20 कंट्रोल सेंटर स्थापित किए हैं। वे प्रवासी श्रमिक जिन्हें केन्द्र या राज्य सरकार से किसी भी तरह की सहायता की आवश्यकता हो वे कंट्रोल रूम के माध्यम से मदद ले सकते हैं। उन्होंने कहा कि सभी कंट्रोल रूम्स ने आज से ही कार्य आरंभ कर दिया है।