scriptPak की कमर तोड़ने की तैयारी, रद्द हो सकता है सिंधु समझौता | India may revisit Indus water treaty with pakistan | Patrika News

Pak की कमर तोड़ने की तैयारी, रद्द हो सकता है सिंधु समझौता

Published: Sep 23, 2016 11:22:00 am

Submitted by:

Rakesh Mishra

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने इस जल समझौते पर कहा कि किसी भी समझौते के दो देशों में आपसी भरोसा और सहयोग होना जरूरी है। यह एकतरफा नहीं हो सकता।

Vikas Swaroop

Vikas Swaroop

नई दिल्ली। उरी हमले के बाद पाकिस्तान को सबक सिखाने के लिए भारत सिंधु जल समझौता तोड़ सकता है। विदेश मंत्रालय ने इसके संकेत दे दिए हैं। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने इस जल समझौते पर कहा कि किसी भी समझौते के दो देशों में आपसी भरोसा और सहयोग होना जरूरी है। यह एकतरफा नहीं हो सकता।

उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र महासभा में किसी भी देश ने कश्मीर के मुद्दे पर एक शब्द नहीं कहा, लेकिन नवाज का अस्सी फीसदी भाषण कश्मीर पर केंद्रित था। उन्होंने कहा कि हमारा काम अपने आप बोलता है और हमारे एक्शन से नतीजे आने शुरू हो गए हैं। शरीफ के संयुक्त राष्ट्र को कश्मीर मुद्दे पर डोजियर सौंपने पर उन्होंने कहा कि हमें यूएन महासचिव के बयान में इसका कोई जिक्र नहीं मिला। उन्होंने कहा कि हमें डोजियर देने की जरूरत नहीं है, पूरी दुनिया जानती है कि पाकिस्तान आतंकवाद को बढ़ावा दे रहा है।

एक अन्य प्रश्न के उत्तर में स्वरुप ने बताया कि पाकिस्तान को याद दिलाया गया है कि उसने भारत के साथ ऐसे समझौतों पर हस्ताक्षर कर रखे हैं, जिनमें साफ तौर पर लिखा है कि वह अपनी जमीन का इस्तेमाल किसी चरमपंथी गतिविधि के लिए नहीं होने देगा। यदि पड़ोसी देश अंतरराष्ट्रीय बिरादरी में एक जिम्मेदार राष्ट्र के रूप में दिखना चाहता है तो उसकी जिम्मेदारी है कि वह अपने देश में मौजूद आतंकवाद के ढांचे को खत्म करे।

क्या है सिंधु जल समझौता
सिंधु नदी संधि को आधुनिक विश्व के इतिहास का सबसे उदार जल बंटवारा माना जाता है। भारत ने 1960 में पाकिस्तान के साथ इंडस वाटर ट्रीटी की थी। इस ट्रीटी के मुताबिक, भारत अपनी 6 नदियों से पाकिस्तान को खुद से ज्यादा पानी दे रहा है। भारत ने वल्र्ड बैंक की मध्यस्थता में पाक के साथ 19 सितंबर 1960 को कराची में इंडस वाटर ट्रीटी की थी। इस ट्रीटी पर फॉर्मर पीएम जवाहर लाल नेहरू और पाक के फॉर्मर प्रेसिडेंट जनरल अयूब खान ने साइन किए थे। इसके मुताबिक, भारत पाक को अपनी सिंधु, झेलम, चिनाब, सतलुज, व्यास और रावी नदी का पानी देगा। इन नदियों का 80 फीसदी से ज्यादा पानी पाकिस्तान को मिलता है।
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