दरअसल, ड्रैगन ( Dragon ) ने अक्साई चीन ( Aksai Chin ) के पास तकरीबन 50 हजार सैनिकों ( Chinese Soldiers ) की तैनाती है। लिहाजा, भारत ने किसी भी खतरे को जवाब देने के लिए स्क्वाड्रन (12) T-90 युद्धक टैंक ( Tank ), 4000 जवान वाली सेना की ब्रिगेड औऱ APC को दौलग बेग में तैनात कर दिया है। सेना के एक अधिकारी के मुताबिक, भारत ( India-China Dispute ) की आखिरी आउटपोस्ट दौलग बेग में 16 हजार फीट की ऊंचाई पर है। बताया जा रहा है कि T-90 का कई पुल भार नहीं सह सकते हैं इसलिए, विशेष उपकरणों के जरिए इस टैंक को नदी के पार भेजा गया है। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो भारत ने पेट्रोलिंग प्वाइंट्स ( Patrolling Point ) 14, 15, 16, 17 और पैंगोंग त्सो फिंगर इलाके में APC, M777 155 हॉवित्जर, 130 mm बंदूक और पैदल सेना का मुकाबला करने वाले वाहन को पहले ही DBO पर भेज दिया था।
दरअसल, हाल में बातचीत के दौरान दोनों देशों ( India China Standoff ) ने सैनिकों के पीछ हटने पर सहमति जताई थी। कई जगहों पर चीनी सैनिक पीछे भी हटे थे। लेकिन, चीन की चालबाजी पर भारतीय सैनिक ( Indian Soldier ) लगातार नजर बनाए हुए थे। क्योंकि, कई अन्य इलाकों में चीन अपनी गतिविधि लगातार बढ़ा रहा है और सैनिकों, टैंकों की तैनाती भी कर रहा है। रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन की मंशा ये थी कि पूर्वी लद्दाख ( Ladakh ) में 1147 किलोमीटर लंबी सीमा को खाली कराया जाए, ताकि वह 1960 के नक्शे को वह लागू करवाने का दावा कर सके। लेकिन, समय रहते भारतीय सैनिकों ने चीन को मुंहतोड़ जवाब दिया। अभी हाल ही में सेटेलाइट की एक तस्वीर भी सामने आई है, जिसमें पैंगोंग त्सो ( Pangong Tso ) लेक इलाके में LAC के इस पार चीनी सेना निर्माण कार्य करते हुए नजर आ रही है। रिपोर्ट में कहा गया है कि PLA ने तारपॉलिन टेंट बनाए हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि तस्वीर से साफ पता चल रहा है कि यह चीनी कैंप ही है। क्योंकि, वह लाल रंग का नजर आ रहा है। इस पूरे मामले पर देश में राजनीति भी गरमाई हुई है। लिहाजा, चीन को जवाब देने के लिए भारत ने कमर कस ली है और T-90 को सीमा पर भेजा गया है।