नई दिल्ली। मोदी सरकार सत्ता में आने के बाद से ही भारत में व्यापार को सुगम बनाने के प्रयास कर रही है। मगर सरकार की इन तमाम कोशिशों के बावजूद भी इंटरनेशनल फाइनेंस कॉर्पोरेशन की बिजनेस डुइंग रैंकिंग में भारत एक पायदान ऊपर ही पहुंचा है। डुइंग बिजनेस की 2017 की रिपोर्ट मंगलवार को जारी की गई। 190 देशों में से 130 वें स्थान पर है भारत इस सूची में 190 देशों में से भारत का स्थान 130 वां है। बता दें कि बिजनेस के लिहाज से रूस, भूटान, साउथ अफ्रीका, चीन, नेपाल, श्रीलंका और ब्राजीज जैसे देश भी भारत से ऊपर हैं। इस बार न्यूजीलैंड ने सिंगापुर को भी रिप्लेस कर दिया है। वहीं इंडिया का ओवरऑल स्कोर सिर्फ 55.27 ही बढ़ा है जिसकी वजह से ये एक ही पायदान ऊपर चढ़ सका है। इस रिपोर्ट में सामने आया है कि भारत बिजली के कनेक्शन देने में, मुंबई और दिल्ली के हाइकोर्ट के कॉमर्शियल डिवीजन के जरिए अनुबंधों को बढ़ावा देने, सीमा पार ट्रेडिंग के नियमों को सुगम बनाने और कर्मचारियों के सोशल इंश्योरेंस कॉरपोरेशन भुगतान को बढ़ावा देने में आगे रहा है। भारत को कमजोर दिखाने वाली रिपोर्ट पर केंद्र सरकार ने साधा निशाना भारत की स्थिति को कमजोर करार देने वाली इस रिपोर्ट को लेकर केंद्र सरकार ने वल्र्ड बैंक पर निशाना साधा है। सरकार का कहना है कि पिछले एक साल में कारोबार को आसान बनाने के लिए करीब 1 दर्जन कदम उठाए गए हैं, लेकिन इंटरनेशनल फाइनेंस कॉर्पोरेशन ने अपनी रिपोर्ट में इन्हे शामिल नहीं किया है। वल्र्ड बैंक की संस्था की ओर से जारी रिपोर्ट पर केंद्र सरकार ने तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि बीते एक साल में कारोबारी माहौल को बेहतर बनाने के लिए तमाम कदम उठाए गए हैं, विश्व बैंक की शाखा ने शायद इन पर अपनी रिपोर्ट तैयार करते वक्त ध्यान नहीं दिया। कुछ मामलों में भारत की हुई तारीफ हालांकि इस रिपोर्ट में केंद्र सरकार की ओर से रैंकिंग में सुधार के लिए ध्यान देने और कंपनीज एक्ट में व्यापक बदलाव किए जाने की तारीफ की गई है। भारत में कारोबारी माहौल को सही बनाने को लेकर उठाए जाने वाले कदम मोदी सरकार की प्राथमिकता में रहे हैं। मोदी सरकार अपने कार्यकाल की शुरुआत से ही भारत को विदेशी निवेश के लिए आकर्षक स्थान और कारोबार को आसान बनाने के लिए काम करने में जुटी है। लेकिन, इसके बाद भी कई अन्य पैरामीटर्स पर भारत की रैंकिंग कमजोर हुई है।