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रोहिंग्या मामले में UN की निंदा का भारत ने दिया कड़ा जवाब

Published: Sep 12, 2017 08:12:00 pm

Submitted by:

ashutosh tiwari

रोहिंग्या मामले पर भारत ने यूएन को कड़ा जवाब दिया है।

नई दिल्ली। रोहिंग्या शरणर्थियों पर भारत के रुख और पत्रकार गौरी लंकेश की हत्या के मामले में हाल ही में यूएन ने भारत की निंदा की थी। इस निंदा का भारत ने अब यूएन को कड़ा जवाब दिया है। मामले में यूएन में भारत के स्थायी प्रतिनिधि राजीव के चंदर ने कहा कि किसी एक घटना के आधार पर आप भारत के सामाजिक हालात पर टिप्पणी नहीं कर सकते। भारत को अपने संविधान, न्यायपालिका, प्रेस की स्वतंत्रता पर गर्व है। उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार संगठन के उच्चायुक्त जीद राद अल हुसैन के द्वारा की गई टिप्पणी से हम आहत हैं।
अवैध प्रवासियों से भारत चिंतित
राजीव चंदर के कहा कि भारत भी दुनिया के अन्य देशों की तरह अवैध प्रवासियों से चिंतित है। अवैध प्रवासियों की संख्या बढ़ने पर देश की सुरक्षा चुनौतियां बढ़ सकती हैं।
सरकार ने रोहिंग्या मुसलमानों को माना देश के लिए खतरा

क्या है मामला?
दरअसल गृह मंत्रालय ने हाल ही में सभी राज्यों को एक एडवाइजरी जारी की थी। इस एडवाइजरी में भारत ने सभी राज्यों को अवैध रूप से रह रहे रोहिंग्या पर कार्रवाई करने को कहा था। इस पर संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार संगठन के उच्चायुक्त जीद राद अल हुसैन ने टिप्पणी करते हुए कहा था कि म्यांमार में रोहिंग्यों पर जुल्म हो रहा है। ऐसे समय में भारत के द्वारा रोहिंग्यों के खिलाफ उठाए जा रहे कदम की हम निंदा करते हैं। उन्होंने कहा कि भारत में 40 हजार रोहिंग्या है जिसमें से 16 हजार ने यूएन से शरणार्थी प्रमाण पत्र ले लिया है।
खुफिया रिपोर्ट ने बढ़ाई सरकार की चिंता
आमतौर पर रोहिंग्या समुदाय के लोग बहुत ही गरीब होते हैं। इस वजह से आतंकी संगठन रोहिंग्या समुदाय के युवाओं को बहला-फुसला कर अपने संगठन में शामिल कर लेते हैं। सुरक्षा एजेंसियों को रिपोर्ट मिली थी कि पाकिस्तान में बैठे आतंकी आका रोहिंग्या समुदाय के युवकों को अपने चंगुल में फंसाना चाह रहे हैं। ऐसे में सरकार की चिंता रोहिंग्या को लेकर बढ़ गई है।
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