इसे आई-लैब नाम दिया गया है। इसे भारत सरकार के जैव प्रौद्योगिकी विभाग के सहयोग से तैयार किया गया है। लैब को आंध्र प्रदेश की कंपनी एएमटीजे ने बनाया है। इसमें थर्मल स्क्रीनिंग, वेंटिलेटर, कोविड-19 टेस्ट डिवाइस, 3 डी मास्क आदि सुविधाएं हैं। देश की पहली मोबाइल लैब को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने हरी झंडी दिखाई। ये मोबाइल लैब प्रतिदिन 25 RT-PCR टेस्ट, 300 ELISA टेस्ट कर सकती है। इस मौके पर स्वास्थ्य मंत्री ने कहा, ‘हमने कोविड टेस्टिंग की लड़ाई 1 फरवरी से एक लैब से शुरू किया था। आज देश भर में हमारे पास 953 लैब हैं। इन 953 में से लगभग 699 सरकारी लैब हैं। दूर-दराज के क्षेत्रों में टेस्ट की सुविधाओं को बढ़ाने के लिए ऐसी चीजें विकसित की गई हैं।’
यह मोबाइल लैब रैपिड रिस्पांस मोबाइल लैबोरेटरी के आधार पर तैयार की गई है। इसे एक बड़े ट्रक पर रखा गया है। इसे आसानी से किसी भी क्षेत्र में ले जाया जा सकता है। ये देश के ग्रामीण, दुर्गम क्षेत्रों समेत एयरपोर्ट पर भी उपलब्ध कराए जा सकते हैं। इससे कोरोना से लड़ने में मदद मिलेगी। मालूम हो कि देश में कोरोना मरीजों की संख्या बढ़कर अब 3 लाख 66 हजार 946 हो गई है। स्वास्थ्य मंत्रालय की रिपोर्ट के मुताबिक देश में अब कोरोना के एक लाख 60 हजार 384 एक्टिव केस हैं।