आाधुनिकतम तकनीक से लैस
रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन के वैज्ञानिकों ने बताया है कि यह अब दुश्मनों को मुंहतोड़ जवाब के लिए तैयार है। यह मिसाइल 483 सेकेंड तक और 43.5 किमी की ऊंचाई तक उड़ान भर सकती है। इससे पहले पृथ्वी-II का सफल यूजर ट्रायल 16 फरवरी 2016 और 14 नवंबर 2014 को किया गया था। पृथ्वी-II में दो इंजन लगे हैं जिसकी लंबाई 8.56 मीटर, चौड़ाई 1.1 मीटर और वजन 4,600 किलोग्राम है। रक्षा सूत्रों ने कहना है कि परीक्षण के दौरान इस मिसाइल ने मिशन के सभी लक्ष्य पूरे किए।
रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन के वैज्ञानिकों ने बताया है कि यह अब दुश्मनों को मुंहतोड़ जवाब के लिए तैयार है। यह मिसाइल 483 सेकेंड तक और 43.5 किमी की ऊंचाई तक उड़ान भर सकती है। इससे पहले पृथ्वी-II का सफल यूजर ट्रायल 16 फरवरी 2016 और 14 नवंबर 2014 को किया गया था। पृथ्वी-II में दो इंजन लगे हैं जिसकी लंबाई 8.56 मीटर, चौड़ाई 1.1 मीटर और वजन 4,600 किलोग्राम है। रक्षा सूत्रों ने कहना है कि परीक्षण के दौरान इस मिसाइल ने मिशन के सभी लक्ष्य पूरे किए।
क्या है Prithvi-2 की खासियत
पृथ्वी-2 मिसाइल परमाणु आयुध ले जाने से लेकर 350 किलोमीटर की दूरी तक मार करने की क्षमता रखती है। यह 1,000 किलोग्राम तक का हथियार ले जान में सक्षम है । इसमें दोहरे इंजन यानि लिक्विड प्रोपेलैंट की तकनीक से लैस है। पृथ्वी-2 मिसाइल युद्ध स्थिति में सेना को अधिक मदद पहुंचाएगी।
पृथ्वी-2 मिसाइल परमाणु आयुध ले जाने से लेकर 350 किलोमीटर की दूरी तक मार करने की क्षमता रखती है। यह 1,000 किलोग्राम तक का हथियार ले जान में सक्षम है । इसमें दोहरे इंजन यानि लिक्विड प्रोपेलैंट की तकनीक से लैस है। पृथ्वी-2 मिसाइल युद्ध स्थिति में सेना को अधिक मदद पहुंचाएगी।
अग्नि 1 का परीक्षण भी हुआ था ओडिशा में
आपको बता दें कि नवंबर, 2016 में ओडिशा तट से ही अग्नि 1 का सफल परीक्षण किया गया था। यह 700 किलोमीटर तक मार कर सकती है। इस परीक्षण को ओडिशा के तट पर स्थित परीक्षण रेंज से अंजाम दिया गया था।
आपको बता दें कि नवंबर, 2016 में ओडिशा तट से ही अग्नि 1 का सफल परीक्षण किया गया था। यह 700 किलोमीटर तक मार कर सकती है। इस परीक्षण को ओडिशा के तट पर स्थित परीक्षण रेंज से अंजाम दिया गया था।