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India-China Face Off: सेना के पीछे हटते ही भारत का नया प्लान, नक्शा के लिए चीन पर बनाएगा दबाव

Published: Jul 13, 2020 12:04:10 pm

Submitted by:

Kaushlendra Pathak

India-China Face Off: सीमा पर सैनिकों के पीछे हटते ही भारत ( India ) की नई योजना
China के दावे को लेकर नक्शा मांगेगा भारत- Report
‘अब तक इस क्षेत्र में नक्शे ( Map ) के आदान-प्रदान से चीन ने किया इनकार’

India to push China for maps to clarify claim lines

नक्शा के लिए चीन पर दवाब बनाएगा भारत।

नई दिल्ली। भारत-चीन ( India-China Tension ) के बीच सीमा पर पिछले कुछ दिनों में माहौल शांत हुआ है। लद्दाख ( Ladakh ) पश्चिमी क्षेत्र में चीनी सेना ( Chinese Soldiers ) पीछे हटी है। वहीं, अब भारतीय सेना ( India Army ) अपनी पेट्रोलिंग पोस्ट ( Patrolling Post ) पर वापस पुहंच गई है। बताया जा रहा है कि अब भारत नक्शे ( Map ) की अदला-बदली के चीनी पक्ष को आगे बढ़ाने की योजना बना रही है। सरकारी अधिकारियों का कहना है कि इस प्लान से दोनों देशों के दावे की पुष्टि भी हो जाएगी। साथ ही वास्तविक नियंत्रण रेखा ( LAC ) के बारे में जानकारी भी मिल जाएगी। इतना ही नहीं ऐसा करने से पेट्रोलिंग प्रोटोकॉल ( Patrolling Protocol ) और प्रबंधन की प्रक्रिया भी आसान हो जाएगी।
चीन से नक्शा की मांग करेगा भारत

यहां आपको बता दें कि चीन ( China on Border Map ) ने अभी तक इस क्षेत्र में नक्शे का आदान-प्रदान करने से इनकार किया है। सीमा के सवाल पर अब तक 22 राउंड की बातचीत हो चुकी है, लेकिन नक्शों का आदान-प्रदान करने या LAC को स्पष्ट करने में उसने कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई है। केवल मध्य क्षेत्र के लिए नक्शों का आदान-प्रदान किया गया है। हालांकि, गलवान घाटी ( Galwan Valley ) में हिंसक झड़प के बाद भारत ( India ) को उम्मीद है कि इस क्षेत्र में भी सहमति जल्द बन जाएगी। रिपोर्ट में कहा गया है कि नक्शों के आदान-प्रदान के लिए चीन तैयार न होना, इस संदेद को पैदा करती है कि जमीन पर वह स्थिति को वह बदलने की कोशिश कर रहा है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, दोनों देश अपनी सेनाओं को फॉरवर्ड पोजिशन ( Forward Position ) से पीछे हटा रहे हैं। वहीं, भारत इस पूरे मामले पर करीब से नजर रखे हुए है। एक अधिकारी का कहना है कि ऐसा नहीं है कि हम उन्हें अपना क्षेत्र दे रहे हैं। लेकिन, इस प्रक्रिया में समय लगेगा।
दोनों देशों के बीच अब तक नहीं सुलझा मुद्दा

वहीं, यूनाइटेड स्टेट्स एजेंसी फॉर इंटरनेशनल डेवलपमेंट ( USAID ) ने केंद्रीय तिब्बती प्रशासन को एक मिलियन डॉलर का अनुदान दिया है। जिससे तिब्बती लोगों के वित्तीय स्थिति को मजबूत किया जा सके। सैन्य जानकारों और चीन के पर्यवेक्षकों का कहना है कि भारत को डोकलम परिणाम ( Doklam Result ) से बचना चाहिए. जहां चीन ने गतिरोध वाले स्थानों पर अपनी तरफ पोजिशन जमा ली थी। यदि लद्दाख ( Ladak Border Issue ) में भी इसे दोहराया गया तो दोनों पक्षों के लिए गंभीर परिणाम हो सकते हैं। गौरतलब है कि गलवान घाटी में हिंसक झड़प के बाद दोनों देशों के बीच लगातार तनाव बना हुआ है। सैन्य और राजनयिक स्तरों पर लगातार बातचीत जारी है। लेकिन, अब तक कोई ठोस परिणाम नहीं निकला है।

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