कैदियों के अधिकारी सुरक्षित
दरअसल, गृह मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक क्राउन प्रॉसिक्यूशन सर्विस (सीपीएस) के माध्यम से भारत अगले हफ्ते ब्रिटिश कोर्ट को यह जानकारी मुहैया कराएगा। सीपीएस के जरिए सूचना दी जाएगी कि प्रत्यापर्ण के बाद माल्या को आॅर्थर रोड जेल में रखा जाएगा। बता दें कि शराब कारोबारी के प्रत्यर्पण को लेकर भारत सरकार की ओर से सीपीएस बहस कर रहा है। इस दौरान सीपीएस लंदन के वेस्टमिंस्टर मेजिस्ट्रेट्स कोर्ट को जानकारी देगा कि कैदियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए राज्य प्रतिबद्ध है। मिली जानकारी के मुताबिक कोर्ट को यह सूचना दी जाएगी कि भारत में कैदियों की सुरक्षा को लेकर पूरा ध्यान रखा जाता है और दुनिया के अन्य मुल्कों की तरह भारत की जेलों में कैदियों के अधिकार पूरी तरह सुरक्षित हैं।
4 दिसंबर से शुरू होगी कार्रवाई
बता दें कि शराब कारोबारी के वकील की ओर से यह दलील दी गई थी कि फरार माल्या को यदि भारत को सौंपा जाता है, तो उनकी जानकारी को बड़ा खतरा पैदा हो सकता है। उनके वकीन ने बताया कि भारतीय जेलों में कैदियों के साथ गलत व्यवहार और मानवाधिकार उल्लंघनों की कथित घटनाएं सामने आईं हैं। वहीं वेस्टमिंस्टर मेजिस्ट्रेट्स कोर्ट प्रत्यर्पण को लेकर 4 दिसंबर से अपनी कार्रवाई शुरू करेगा।