टेस्ला प्रमुख अरबपति उद्यमी एलोन मस्क के भू-ब्रेकिंग हाइपरलूप यात्रा के विचार से प्रभावित हो भारतीय छात्रों ने हाइपरलूप इंडिया टीम बनाई है।
नई दिल्ली. मुंबई और अहमदाबाद के बीच प्रस्तावित बुलेट ट्रेन 320-350 किलोमीटर की दूरी तय करने में केवल दो घंटे का समय लेगी, लेकिन कैसा हो यदि इस दूरी को तय करने में इस समय सीमा में से 40 मिनट्स को और कम कर दिया जाए। टेस्ला प्रमुख अरबपति उद्यमी एलोन मस्क के भू-ब्रेकिंग हाइपरलूप यात्रा के विचार से प्रभावित हो भारतीय छात्रों ने हाइपरलूप इंडिया टीम बनाई है। इसमें मुख्य रूप से बिट्स पिलानी इंजीनियरिंग कॉलेज, आईआईएम अहमदाबाद और इंडियन स्कूल ऑफ बिजनेस के छात्र शामिल हैं।
टेस्ला के मुख्यालय में अगस्त में डेमो
ये छात्र एक कैप्सूल बनाने की योजना पर काम कर रहे हैं, जो एक वैक्यूम ट्यूब के भीतर 1,200 किमी / घंटा तक की स्पीड़ से दौडऩे में समक्ष होगा। भारत में इसके सिंगल कंपार्टमेंट कैप्सूल का निर्माण अंतिम चरण में है। टीम की ओर से स्पेस एक्स के हाइपरलूप ग्लोबल चैलेंज की डिजाइन चुनौती को जीतने के लिए इसका अगस्त के अंत में मस्क के स्वामित्व वाली स्पेसएक्स के मुख्यालय में कैलिफोर्निया के हॉथोर्न में इस तकनीक का डेमोटे्रशन किया जाएगा।
कुल लागत का केवल 60त्न तक होगा खर्च
टीम के सदस्य पृथ्वी शंकर ने बताया कि हाइपरलूप एक ट्यूब यात्रा है, जिसमें आपके पास एक वाहन है जो चुंबकीय रूप से वैक्यूम ट्यूब के अंदर चला जाता है। इसमें बुलेट ट्रेन की लागत का सिर्फ 60त्नखर्च होगा।
चीन और जापान को भी छोड़ेगी पीछे
पृथ्वी ने बताया कि यदि हाइपरलूप को हाई स्पीड़ ट्रेन से रिप्लेस करें तो इसकी मेंटीनेंस और इंफ्रास्ट्रक्चर लागत 40 प्रतिशत कम होगी। ये न केवल बुलेट ट्रेन से अधिक तेज दौड़ेगी, बल्कि चीन-जापान की मैग्लेव ट्रेनों (650 किमी स्पीड) को भी मात देगी।