सीजन में पहली बार 9 डिग्री से नीचे पहुंचा पारा इस साल छठवां सबसे गरम बसंत ऋतु
मौसम विभाग के एक बयान में यह भी कहा गया कि ‘इस साल देश में पूर्व-मॉनसून (मार्च-मई) के मौसम में औसत तापमान सामन्य से 0.770C अधिक था। जिसकी वजह से वर्ष 1901 के बाद इस साल छठवां सबसे ज्यादा गरम वसंत ऋतु दर्ज हुआ’।
मौसम विभाग के एक बयान में यह भी कहा गया कि ‘इस साल देश में पूर्व-मॉनसून (मार्च-मई) के मौसम में औसत तापमान सामन्य से 0.770C अधिक था। जिसकी वजह से वर्ष 1901 के बाद इस साल छठवां सबसे ज्यादा गरम वसंत ऋतु दर्ज हुआ’।
दिल्ली समेत कई इलाको में सामान्य से अधिक तापमान
मौसम विभाग ने जानकारी दी कि राजस्थान, हरियाणा, दिल्ली , पूर्वी और पश्चिमी उत्तर प्रदेश, गुजरात, सेंट्रल महाराष्ट्र , विदर्भा , मराठवाड़ा ,पूर्वी और पश्चिमी मध्य प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, असम, मेघालय, मणिपुर और मिजोरम में मौसम सामान्य से अधिक गरम रहेगा।
मौसम विभाग ने जानकारी दी कि राजस्थान, हरियाणा, दिल्ली , पूर्वी और पश्चिमी उत्तर प्रदेश, गुजरात, सेंट्रल महाराष्ट्र , विदर्भा , मराठवाड़ा ,पूर्वी और पश्चिमी मध्य प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, असम, मेघालय, मणिपुर और मिजोरम में मौसम सामान्य से अधिक गरम रहेगा।
MP Weather forecast : हर सप्ताह मौसम में आ रही है 1 डिग्री की गिरावट, जल्द ही बदलेगा मौसम ग्लोबल वार्मिंग के वजह से लगातार ठंडी लहरों में गिरावट
मौसम विभाग ने यह भी बताया कि पिछले चार दशकों के दौरान देश में न्यूनतम तापमान के आंकड़ों के विश्लेषण से देश के कई हिस्सों में ठंड की आवृत्ति और ठंड की लहरों की अवधि में गिरावट का रुझान सुझाया गया है। यही नहीं दुनिया के कई हिस्सों में ठंडी लहरों की आवृति में गिरावट आ रही है, जिसकी वजह से मौसम में अनियमितता आ रही है ।विभाग के अनुसार इसका एक प्रमुख कारण ग्लोबल वार्मिंग है।
मौसम विभाग ने यह भी बताया कि पिछले चार दशकों के दौरान देश में न्यूनतम तापमान के आंकड़ों के विश्लेषण से देश के कई हिस्सों में ठंड की आवृत्ति और ठंड की लहरों की अवधि में गिरावट का रुझान सुझाया गया है। यही नहीं दुनिया के कई हिस्सों में ठंडी लहरों की आवृति में गिरावट आ रही है, जिसकी वजह से मौसम में अनियमितता आ रही है ।विभाग के अनुसार इसका एक प्रमुख कारण ग्लोबल वार्मिंग है।