लोअर बर्थ वाले को 1 घंटा कम सोने को मिलेगा रेलवे के नए नियमों में सभी आरक्षित कोच में लोअर बर्थ सुबह 6 बजे से लेकर रात 10 बजे तक बैठने के लिए तय की गई है और रात 10 बजे से सुबह 6 बजे तक सोने के लिए होगी। बता दें कि अभी तक रात 9 बजे तक ही लोअर बर्थ बैठने के लिए होती थी और फिर उसके बाद सोने के लिए होती थी। ऐसे 1 घंटे कम हो जाएगी आपकी नींद अगर लोअर बर्थ पर यात्री बैठे हैं तो आप सो नहीं सकते हैं और अब नए नियम के अनुसार आप 10 बजे से पहले सो नहीं सकेंगे।
रेलवे ने नया नियम बनाते हुए लोगों की नींद को 1 घंटे घटा दिया है लेकिन उसके बावजूद रेलवे ने यात्रियों से गुजारिश की है। रेलवे की कहा है कि अगर कोई गर्भवती, दिव्यांग या फिर कोई बीमार यात्री हो तो उसे सहयात्री जल्दी सोने की सुविधा दें। दरअसल, गर्भवती, दिव्यांग या फिर बीमार व्यक्ति को अपर बर्थ पर जाने में दिक्कत होती है और उसे लोअर बर्थ पर यात्रा करने में आराम रहता है।
3 एसी में भी लोअर बर्थ
दिव्यांगों को 3 एसी में भी लोअर बर्थ आसानी से मिल जाएगी । भारतीय रेल ने उनकी सुविधा के लिए 3एसी और एक्सप्रेस ट्रेनों में लोअर बर्थ आरक्षित कर दी है। वर्तमान में दिव्यांगों के लिए सिर्फ स्लीपर श्रेणी में ही ऐसे आरक्षण की सुविधा थी। रेल मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ट्रेनों के 3एसी डिब्बों में ‘दिव्यांगों’ के लिए लोअर बर्थ आरक्षित होगा। इसके लिए आवश्यक सॉफ्टवेयर विकसित किया जा रहा है। हाल ही में हुई एक घटना में व्हीलचेयर पर बैठे एक एथलीट को लोअर बर्थ मिलने में बहुत दिक्कत आयी थी.
दिव्यांगों को 3 एसी में भी लोअर बर्थ आसानी से मिल जाएगी । भारतीय रेल ने उनकी सुविधा के लिए 3एसी और एक्सप्रेस ट्रेनों में लोअर बर्थ आरक्षित कर दी है। वर्तमान में दिव्यांगों के लिए सिर्फ स्लीपर श्रेणी में ही ऐसे आरक्षण की सुविधा थी। रेल मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ट्रेनों के 3एसी डिब्बों में ‘दिव्यांगों’ के लिए लोअर बर्थ आरक्षित होगा। इसके लिए आवश्यक सॉफ्टवेयर विकसित किया जा रहा है। हाल ही में हुई एक घटना में व्हीलचेयर पर बैठे एक एथलीट को लोअर बर्थ मिलने में बहुत दिक्कत आयी थी.