बेडरोल का किराया बढ़ाने पर भी विचार इसके साथ ही करीब एक दशक पहले 25 रुपए प्रति यात्रा किराए के साथ शुरू हुई बेडरोल की सुविधा भी महंगी करने पर विचार किया जा रहा है। अधिकारी के मुताबिक कपड़े के रखरखाव की लागत में तीव्र बढ़ावा होने से यह समीक्षा दूसरी ट्रेनों में भी लागू हो सकती है। ‘गरीब रथ’ ट्रेनों की तरह दूसरी ट्रेनों में भी बेडरोल की कीमतों में एक दशक में कोई इजाफा नहीं हुआ है।
…इस नोट ने बढ़ाई यात्रियों की मुसीबत उप नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (सीएजी) के कार्यालय से एक नोट आने के बाद यह विचार किया जा रहा है। इस नोट में पूछा गया था कि ‘गरीब रथ’ में किराए का पुनरीक्षण क्यों नहीं किया गया और अनुशंसा की कि बेडरोल की लागत को ट्रेन के किराये में शामिल किया जाए।
घटिया सुविधाओं और बढ़ते किराए का दौर जारी भारतीय रेलवे ने मोदी सरकार के आने के बाद किराए में तेजी से बढ़ोतरी की है। हालांकि इसके साथ ही सुविधाओं को बढ़ाने का भी दावा किया जाता रहा है, लेकिन वास्तव में कोई बड़ा बदलाव देखने को नहीं मिल रहा। ट्रेनों की लेटलतीफी, कमजोर सेफ्टी सिस्टम और जनरल कोचों में निम्नतम स्तर की यात्रा का दौर बरकरार है। गौरतलब है कि रेलवे का यह भी दावा है कि यात्रा खर्च का एक बड़ा हिस्सा यात्रियों की बजाए रेलवे वहन करता है।