इस टेस्ट किट का ‘फेलूदा'(Feluda) नाम रखने के पीछे बड़ी दिलचस्प कहानी है। ये नाम बांग्ला फिल्मकार सत्यजीत रे की फिल्मों से लिया गया है। फेलूदा उनकी फिल्मों का एक किरदार रहा है जो एक जासूसी किरदार है। वह छानबीन कर हर रहस्य को खोज लेता है। इसी तरह कागज की पतली स्ट्रिप वाली ये किट व्यक्ति में कोरोना है या नहीं इसकी खोज आसानी से कर लेगा। यह पेपर स्ट्रिप किट आईजीआईबी के वैज्ञानिक डॉ सौविक मैती और डॉ देबज्योति चक्रवर्ती की अगुवाई वाली एक टीम ने विकसित की है। इसमें सीएसआईआर (CSIR) की भी अहम भूमिका रही है। किट एक घंटे से भी कम समय में नए कोरोना वायरस (एसएआरएस-सीओवी-2) के वायरल आरएनए का पता लगा सकती है।
वैज्ञानिकों के मुताबिक यह पेपर-स्ट्रिप किट काफी सस्ती है। इसके विकसित होने से कोरोना के परीक्षण की चुनौती से निपटने में मदद मिलेगी। आईजीआईबी के वैज्ञानिक डॉ देबज्योति चक्रवर्ती ने बताया कि इस पेपर-किट में जीन-संपादन की अत्याधुनिक तकनीक क्रिस्पर-कैस-9 का उपयोग किया गया है। अभी इस परीक्षण किट की वैद्यता का परीक्षण किया जा रहा है, जिसके पूरा होने के बाद इसका उपयोग नए कोरोना वायरस के परीक्षण के लिए किया जा सकेगा।
आईजीआईबी के वैज्ञानिकों ने बताया कि चीन में कोरोना का प्रकोप जब चरम पर था, तो उन्होंने इस पेपर स्ट्रिप किट का परीक्षण शुरू किया था। यह किट कोविड-19 का पता लगाने में कितनी कारगर हो सकती है इसके रिजल्ट के लिए टीम ने दिन-रात मेहनत की है। सीएसआईआर के महानिदेशक डॉ शेखर सी. मांडे ने कहा, इस किट के विकास से जुड़े प्राथमिक परिणाम उत्साहजनक हैं।