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सीमा पर तनाव के बीच पाकिस्तान ने की भारत से बातचीत की पेशकश

Published: Jul 30, 2017 10:09:00 am

Submitted by:

Iftekhar

पाकिस्तानी हाई कमिश्नर बासित ने कहा कि भारत-पाकिस्तान शांति प्रक्रिया 2016 में पठानकोट आतंकवादी हमले के बाद रुक गई थी। उसके बाद द्विपक्षीय संबंध खराब ही हुए हैं। 

Pakistani high commissioner Abdul Basit

Pakistani high commissioner Abdul Basit

नई दिल्ली। एक ओर जहां सिक्कम डोकलाम मसले पर पाकिस्तानी हस्तक्षेप और कुलभूषण जाधव को फांसी जैसे अहम मुद्दों पर पाकिस्तान भारत के निशाने पर है, वहीं इस बीच भारत में पाकिस्तान हाई कमिश्नर अब्दुल बासित ने दोनों देशों के बीच बातचीत की पेशकश की है। एक कार्यक्रम में बासित ने कहा कि दोनों देशों के आपसी संबंध और आपसी मतभेदों को दूर करने के लिए बातचीत की कोशिश को जारी रखना चाहिए।


Pakistani high commissioner Abdul Basit


बातचीत के दरवाजें न हों बंद
पाकिस्तानी हाई कमिश्नर बासित ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में रहने वालों को भारत या पाकिस्तान के फैसलों की वजह से परेशानियां उठानी पड़ती हैं। उन्होंने कहा कि कश्मीरियों को आत्मनिर्णय का अधिकार है। उन्होंने कहा कि वास्तविक प्रगति के लिए जम्मू-कश्मीर मुद्दे का हल होना चाहिए। उन्होंने कहा दोनों देशों को इसका फैसला करने की जरुरत है कि उन्हें किन मुद्दों पर बातचीत करनी है, जैसा कि शर्मं-अल शेख में हमने वार्तां को आतंकवाद से अलग करने का निर्णंय किया था। हमें उन ताकतों का बंधक नहीं बनना चाहिए जो प्रगति नहीं चाहतीं। बासित जिस कार्यंक्रम में बोल रहे थे उसका आयोजन साउथ एशिया फोरम फॉर आर्ट ऐंड क्रिएटिव हेरिटेज ने किया था। 

Pakistani high commissioner Abdul Basit

बातचीत में आदान-प्रदान को बताया आधार 
पाकिस्तान का कहना है कि शर्म-अल-शेख में 2009 में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और पाकिस्तान के तत्कालीन प्रधानमंत्री यूसुफ रजा गिलानी के बीच बातचीत हुई थी। उसके बाद जारी संयुक्त बयान में बातचीत को आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई से अलग रखने की सहमति बनी थी। उन्होंने कहा वार्ता जरुरी है। बातचीत हमारी समस्याओं को सुलझाने के लिए एक जरुरत है। यह पूछे जाने पर कि क्या पाकिस्तान कुछ रियायतें करने को तैयार है उन्होंने कहा समाधान में हमेशा ही आदान-प्रदान शामिल होता है।

Pakistani high commissioner Abdul Basit

ताकि बाधित न हो प्रक्रिया
बासित ने कहा कि भारत-पाकिस्तान शांति प्रक्रिया 2016 में पठानकोट आतंकवादी हमले के बाद रुक गई थी। उसके बाद द्विपक्षीय संबंध खराब ही हुए हैं। नवाज शरीफ को पाकिस्तान के प्रधानमंत्री के तौर पर देश की शीर्ष अदालत द्वारा अयोग्य करार दिए जाने के बाद फिर से अनिश्चितता पैदा हो गई है। बासित ने कहा कि हमें इसका निर्णय करना होगा कि हम वार्ता प्रक्रिया को बाधित नहीं करेंगे। हम जहां पठानकोट मुद्दे पर सहयोग कर रहे थे हम वार्ता प्रक्रिया को आगे बढ़ा सकते थे।






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