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‘बिहार का सरकारी मनहूस बंगला, जो भी मंत्री रहा किसी का कार्यकाल नहीं हुआ पूरा’

locationनई दिल्लीPublished: Aug 11, 2018 04:23:54 pm

Submitted by:

Kaushlendra Pathak

ये है बिहार सरकार का ‘मनहूस’ बंगला।
 

bihar sarkar

‘बिहार का सरकारी मनहूस बंगला, जो भी मंत्री रहा किसी का कार्यकाल नहीं हुआ पूरा’

नई दिल्ली। अभी हाल ही में मुजफ्फरपुर कांड को लेकर बिहार के समाज कल्याण विभाग की मंत्री मंजू वर्मा ने अपना इस्तीफा दिया है। इस्तीफा देने के बाद मंजू वर्मा जिस बंगले में रह रही थी, उन्हें उसे खाली करना पड़ेगा। लेकिन, इस बंगले को लेकर एक चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। अब इस बंगले को सरकार का ‘मनहूस’ बंगला कहा जाने लगा। दरअसल, जो भी मंत्री इस बंगला में रहा, वो अब तक अपना कार्यकाल नहीं पूरा कर पाया।
‘बंगला नंबर 6 बना मनहूस बंगला’

बिहार सरकार के बंगला नंबर 6 में रहने वाले मंत्रियों के पिछले कुछ सालों के आंकड़ों को देखें तो इस बंगले ने अब तक तीन मंत्रियों को उनका कार्यकाल पूरा किए बिना ही बाहर का रास्ता दिखा दिया है। इस वजह से लोग अब इस बंगले को ‘मनहूस’ बंगले के तौर पर देखने लगे हैं। इसमें एक बात और गौर करने वाली ये है कि जो तीनों मंत्री इस बंगले में रहते अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर सके, वो सभी कुशवाहा जाति से संबंध रखते हैं। साल 2010 से इस बंगले के आंकड़ों पर गौर करें तो सबसे पहले इसमें जदयू नेता और तत्कालीन उत्पाद विभाग के मंत्री अवधेश कुशवाहा रहने आए थे। उन्हें मंत्री के तौर पर यह बंगला आवंटित किया गया था, लेकिन अपना कार्यकाल पूरा करने से दो महीने पहले ही अक्टूबर 2015 में वो घूस लेने के मामले में फंस गए और उन्हें अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा। बाद में बंगला भी खाली करना पड़ा।
तीन मंत्रियों को समय से पहले खाली करना पड़ा यह बंगला

इसके बाद साल 2015 में राजद नेता और तत्कालीन सहकारिता मंत्री आलोक मेहता को यह बंगला आवंटित किया गया। लेकिन, महज 18 महीनों में ही गठबंधन में दरार पड़ गई और आलोक मेहता न तो अपना कार्यकाल पूरा कर पाए और न ही बंगला उनके पास रह सका। वहीं, अब मंजू वर्मा के साथ भी यही हुआ। मुजफ्फरपुर कांड ने उन्हें इस्तीफा देने पर मजबूर कर दिया और अब वो भी इस बंगला को खाली करेंगी। बहरहाल, नोएडा के बाद अब बिहार में भी इस तरह का अंधविश्वास शुरू हो गया। गौरतलब है कि नोएडा को लेकर यह अब तक भ्रम बना हुआ है कि जो भी मुख्यमंत्री ने यहां का दौरा किया उनकी कुर्सी चली गई।
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