केजरीवाल की नहीं थी कार
बहुत कम हो लोग जानते हैं कि जिस नीली रंग की वैगनआर कार से दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल चलते हैं वो उनकी नहीं है। ये बात उन दिनों की है जब केजरीवाल अन्ना हजारे के साथ सरकार के खिलोफ मोर्चा खोले हुए थे। अन्ना आंदोलन के बाद केजरीवाल ने अपनी नई पार्टी बनाने की घोषणा की। केजरीवाल के पास फंड की कमी के चलते उन्हें लोगों के मदद की जरूरत थी। तभी कुंदन नाम के एक शख्स ने उनकी मदद करनी चाही। कुंदन लंदन में सॉफ्टवेयर इंजीनियर हैं।
बहुत कम हो लोग जानते हैं कि जिस नीली रंग की वैगनआर कार से दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल चलते हैं वो उनकी नहीं है। ये बात उन दिनों की है जब केजरीवाल अन्ना हजारे के साथ सरकार के खिलोफ मोर्चा खोले हुए थे। अन्ना आंदोलन के बाद केजरीवाल ने अपनी नई पार्टी बनाने की घोषणा की। केजरीवाल के पास फंड की कमी के चलते उन्हें लोगों के मदद की जरूरत थी। तभी कुंदन नाम के एक शख्स ने उनकी मदद करनी चाही। कुंदन लंदन में सॉफ्टवेयर इंजीनियर हैं।
मेल के जरिए कुंदन ने आप से संपर्क साधा
कुंदन ने आम आदमी पार्टी के नेता दिलीप पांडे को एक मेल किया। उन्होंने मेल में लिखा कि वे अपनी कार आम आदमी पार्टी को डोनेट करना चाहते हैं। कुंदन ने बताया कि उनकी नीली रंग की वैगनआर कार उनकी पत्नी के नाम है और द्वारका स्थित उनके घर पर खड़ी है। इस पर दिलीप पांडे ने कार लेने की हामी भर दी। 1 जनवरी 2013 को कुंदन ने अरविंद केजरीवाल से फोन पर बात की। कुंदन ने बताया कि वे ऐसे आदमी को कार देना चाहते हैं जो उनकी कार की जवाबदेही ले।
कुंदन ने आम आदमी पार्टी के नेता दिलीप पांडे को एक मेल किया। उन्होंने मेल में लिखा कि वे अपनी कार आम आदमी पार्टी को डोनेट करना चाहते हैं। कुंदन ने बताया कि उनकी नीली रंग की वैगनआर कार उनकी पत्नी के नाम है और द्वारका स्थित उनके घर पर खड़ी है। इस पर दिलीप पांडे ने कार लेने की हामी भर दी। 1 जनवरी 2013 को कुंदन ने अरविंद केजरीवाल से फोन पर बात की। कुंदन ने बताया कि वे ऐसे आदमी को कार देना चाहते हैं जो उनकी कार की जवाबदेही ले।
केजरीवाल ने उन्हें पूरा आश्वासन दिया और कहा कि वे ड्राइवर भेज कर द्वारका से कार मंगवा लेंगे। कुंदन से बात करने के ठीक दो दिन बाद 3 जनवरी को केजरीवाल के पास वो नीली वैगनआर कार आ गई। इसके बाद आम आदमी पार्टी ने एक लेटर जारी किया जिसमें लिखा था कि अब से ये कार आम आदमी पार्टी की है और उसकी पूरी जिम्मेदारी पार्टी लेती है। जब अरविंद केजरीवाल पहली बार दिल्ली के मुख्यमंत्री बने थे तो वे इसी कार से शपथ ग्रहण समारोह वाले स्थल पर पहुंचे थे। इस कार ने भी केजरीवाल की तरह काफी सुर्खियां बटोरी हैं।