हथियार खरीदने वालों में भारत के बाद यूएई, सउदी अरब, मिस्र, ऑस्ट्रेलिया, चीन, अल्जीरिया, इराक, पाकिस्तान और इंडोनेशिया के नाम आते हैं। भारत समेत इन देशों ने भी भारी मात्रा में हथियारों का आयात किया। यह भी बताया गया है कि अपनी सुरक्षा के लिए भारत 65 फीसदी सामान बाहर से खरीदता है। जानकारों के अनुसार- सत्ता में आने पर वर्तमान मोदी सरकार ने देश में ही हथियार बनाने के लिए कई वादे किए थे, लेकिन अब तक इन पर अमल दिखाई नहीं दिया है।
रिपोर्ट के अनुसार- भारत ने इस समय दौरान सबसे ज्यादा हथियार रूस से खरीदे। भारत की ओर से खरीदे गए कुल हथियारों में रूस की भागीदारी 62 फीसदी है। जबकि इस समय दौरान अमरीका से 15 प्रतिशत और इजराइल से 11 प्रतिशत हथियार ही खरीदे।
रिपोर्ट में इस का उल्लेख भी किया गया है कि भारत एशिया में चीन के बढ़ रहे प्रभाव को रोकने के लिए अमरीका से कूटनीतिक रिश्ते बेहतर करने के प्रयास भी कर रहा है। इसी के तहत सुरक्षा के लिए भारत ने अमरीका से साल 2013 से 2017 के बीच 15 बिलियन डॉलर यानी 97 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा के हथियार खरीदे। यह इससे पहले 2008 से लेकर 2012 खरीदे गए हथियारों के मुकाबले 557 फीसदी अधिक है।
रिपोर्ट के हिसाब से देखें तो हथियार बेचने के मामले में अभी तक अमरीका पहले नंबर पर बना हुआ है। उसके बाद रूस, फ्रांस और जर्मनी का नाम आता है। चीन की बात करें, तो हथियार विक्रेता के रूप में वे पांचवां बड़ा देश है।