रूहानी ने शिया-सुन्नी एकता का संदेश
हसन रूहानी ने शुक्रवार को यहां ऐतिहासिक मक्का मस्जिद का दौरा किया और शिया-सुन्नी एकता व दुनियाभर के मुस्लिमों की शांति के लिए नमाज अदा की। भारत की अपनी तीन दिवसीय यात्रा के दूसरे दिन रूहानी ने 17वीं सदी के मस्जिद में आम लोगों के साथ जुमे की नमाज अदा की। इस मस्जिद की नींव 1616 के आखिर में कुतुब शाही वंश के शासक सुल्तान मोहम्मद ने रखी थी और मुगल सम्राट औरंगजेब के शासन में 1694 में यह मस्जिद बनकर तैयार हुआ था।
नमाज अदा की
अपने मंत्रियों और वरिष्ठ अधिकारियों के साथ मस्जिद पहुंचे रूहानी ने पहली कतार में नमाज अदा की। मस्जिद के इमाम मौलाना रिजवान कुरैशी ने अरबी में धर्मोपदेश दिया। इस दौरान कुरैशी ने दुनियाभर के मुसलमानों, खासकर फिलिस्तीन, सीरिया और यमन के मुसलमानों की सुरक्षा के लिए दुआ मांगी। तेलंगाना के उपमुख्यमंत्री मोहम्मद महमूद अली, मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एमआईएम) के प्रमुख व हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी और उनकी पार्टी के कुछ विधायक भी इस मौके पर मौजूद थे। रूहानी की सुन्नी मस्जिद की यात्रा महत्वपूर्ण मानी जा रही है। विश्लेषकों का कहना है कि इसका मकसद शिया-सुन्नी एकता का संदेश देना है।