दुनियाभर के सभी वैज्ञानिक व डॉक्टर्स इसकी दवा खोजने में जुटे हुए है। दवा कब तक बनेगी, इसके बारे में अभी कुछ नहीं कहा जा सकता। बता दें कि आयुष मंत्रालय ( Ministry of AYUSH ) ने दो माह पहले होम्योपैथी ( Homeopathic Drugs) समेत अन्य पद्धातियों पर आधारित कुछ दवाओं की सूची बताई थी। दावा किया गया था कि इन दवाओं से कोरोना ( Coronavirus outbreak ) से होने वो संक्रमण से बचा जा सकता है।
आयुष मंत्रालय ने बताएं थे दवाओं के नाम
आयुष मंत्रालय की ओर से 29 जनवरी को एक प्रेस विज्ञप्ति के जरिए कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए होम्योपैथी दवाओं के नाम बताए थे। उन्होंने होम्योपैथी की आर्सेनिकम एल्बम 30 दवा लेने की सलाह भी दी थी। उस दौरान उन्होंने दावा किया था, कोरोना के संक्रमण को रोकने के लिए यूनानी दवाओं में शरबत उन्नाब, तिर्यकअर्बा, तिर्यक नजला, खमीरा मार्वारिद जैसी दवाएं कारगर साबित हो सकती है। इसके साथ ही मंत्रालय ने लोगों को साफ-सफाई रखने की भी सलाह दी थी।
WHO ने दिया ये जवाब
विश्व स्वास्थ्य संगठन के डायरेक्टर जनरल टेड्रोस गेब्रेयेसिस के मुताबिक अभी तक कोरोना को रोकने के कोई वैक्सीन नहीं बनी है। ऐसे में किसी भी तरह की दवा लेना हानिकारक हो सकता है। बिना परीक्षण और वैज्ञानिक प्रमाण के दवाओं को लेने से बचे। विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक कुछ दवाएं पेपर और टेस्ट ट्यूब में कोरोना वायरस पर असर किया, लेकिन वो वास्तविक मरीजों पर कारगर नहीं रही।
जब तक किसी दवा के पुख्ता साक्ष्य नहीं मिल जाते तब तक सिर्फ अटकलें है। आपको बता दें कि आयुष मंत्रालय ने तुलसी, काली मिर्च और पिप्पली जैसी आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियां से लोगों को कोरोना वायरस के सक्रमण से बचाने की सलाह दी थी। लेकिन, विश्व स्वास्थ्य संगठन की ओर से ऐसी कोई पुष्टि नहीं की गई हैं। हालांकि, ये उपाय शरीर में रोग प्रतिरोध क्षमता बढ़ाने में कारगर साबित हो सकती है। लेकिन, कोरोना के इलाज के लिए कहना सही नहीं होगा।