दुनिया की 9 ड्रग निर्माता कंपनियों के शीर्ष अधिकारियों ने ली है सुरक्षा प्रतिज्ञा।
अमरीकी राष्ट्रपति चुनाव से पहले वैक्सीन लाने की पुरजोर कोशिश में लगे हैं ट्रंप।
एक स्वयंसेवी के बीमार होने पर एस्ट्राज़ेनेका ( AstraZeneca ) ने COVID-19 वैक्सीन परीक्षण रोका।
Is there any connection between AstraZeneca COVID-19 Vaccine pause and US Election
नई दिल्ली। एस्ट्राजेनेका ( AstraZeneca ) ने यूनिवर्सिटी ऑफ ऑक्सफोर्ड द्वारा विकसित COVID-19 के लिए एक वैक्सीन के क्लीनिकल ट्रायल पर विराम लगाने की घोषणा की है। इसकी वजह क्लीनिकल ट्रायल के दौरान कुछ ही घंटों बाद ब्रिटेन में एक स्वयंसेवी बीमार हो गया था। हालांकि इससे कुछ घंटे पहले ही कंपनी ने आठ अन्य ड्रग निर्माताओं के साथ जुड़कर एक असामान्य सुरक्षा प्रतिज्ञा लेने की शुुरुआत की थी। वहीं, इस मामले को आगामी अमरीकी राष्ट्रपति चुनाव से पहले राजनीतिक एंगल से भी देखा जा रहा है।
भारत में Coronavirus से होने वाली मौतों का आंकड़ा कब होगा 1,00,000 पार दरअसल, पिछले सप्ताह ही अमरीका में एस्ट्राजेनेका वैक्सीन के फेज 3 के क्लीनिकल ट्रायल शुरू हुए थे और इसकी पहली खुराक अक्टूबर तक वितरित किए जाने की उम्मीद थी। इस वैक्सीन के क्लीनिकल ट्रायल में आई गड़बड़ी से पहले ली गई सुरक्षा प्रतिज्ञा उस वक्त सामने आई है जब इसके दावों के उलट, डोनाल्ड ट्रंप फिर से अपनी सत्ता सुरक्षित करने के लिए 3 नवंबर को होने वाले अमरीकी राष्ट्रपति चुनाव से पहले एक वैक्सीन को लेकर आने में पूरी तरह जुटे हुए हैं।
AstraZeneca, GlaxoSmithKline, Johnson & Johnson, Merck, Moderna, Novavax, Sanofi, BioNTech और Pfizer के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों द्वारा हस्ताक्षरित सुरक्षा प्रतिज्ञा में कहा गया है कि कंपनियां केवल तभी टीकों के लिए विनियामक की स्वीकृति या अनुमति की मांग करेंगी जब उनकी (वैक्सीन) सुरक्षा और प्रभावकारिता क्लीनिकल ट्रायल के फेज 3 में पुख्ता कर ली गई हो। इन सभी कंपनियों ने पूर्व में 70 वैक्सीन विकसित किए हैं।
कंपनियों ने मंगलवार को ली गई प्रतिज्ञा “बायोफार्मा लीडर्स विज्ञान के साथ खड़े होने के लिए एकजुट हुए हैं,” में सभी ने कहा, “वैक्सीन दिए जाने वाले व्यक्ति की सुरक्षा और तंदरुस्ती हमारी सबसे पहली प्राथमिकता है।” कंपनियों के प्रमुखों ने कहा कि उनकी कंपनियां “केवल फेज 3 क्लीनिकल स्टडी के माध्यम से सुरक्षा और प्रभावकारिता का प्रदर्शन करने के बाद स्वीकृति या आपातकालीन इस्तेमाल के लिए FDA (खाद्य और औषधि प्रशासन) जैसे विशेषज्ञ नियामक संगठनों जिन्हें इसलिए ही डिज़ाइन और संचालित किया जाता है, की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए आवेदन करेंगी।”
उन्होंने कहा, “हमें विश्वास है कि यह प्रतिज्ञा कठोर वैज्ञानिक और नियामक प्रक्रिया में जनता के विश्वास को सुनिश्चित करने में मदद करेगी, जिसके द्वारा COVID-19 टीकों का मूल्यांकन किया जाता है और अंततः उन्हें अनुमोदित किया जा सकता है।”
कुछ अध्ययनों के मुताबिक कई अमरीकियों को वैक्सीन की खोज पर संदेह है और तमाम अमरीकी जब वैक्सीन उपलब्ध हो जाएगी, तब भी इसके लिए आगे नहीं आएंगे। रविवार को जारी एक CBS/YouGov अध्ययन में पाया गया कि 65 फीसदी उत्तरदाताओं को लगता है कि अगर उन्हें बताया गया कि टीका बना लिया गया है तो यह “जल्दबाजी में” होगा।बाकी लोगों ने कहा कि वे इसे “वैज्ञानिक उपलब्धि” कहेंगे।
जहां जुलाई में 32 फीसदी ने कहा था कि वैक्सीन आने के बाद वो जल्द से जल्द इसे लगवाएंगे, अब केवल 21 फीसदी ही इसे प्राप्त करने की कोशिश करेंगे। जबकि जुलाई के 51 फीसदी की बजाय अब 58 फीसदी यह कह रहे हैं कि वह “आगे क्या होता है” देखने के लिए इंतजार करेंगे। लोगों की यह सोच हाल ही में किए गए कई अध्ययनों में सामने आई है, जिससे लोगों के बीच कोरोना वायरस वैक्सीन को लेकर उपजे संदेह के रूप में देखा जा सकता है।
वहीं, अमरीकी राष्ट्रपति ट्रंप ने संघीय सहायता में अरबों डॉलर के साथ ‘ऑपरेशन वार्प स्पीड’ नामक एक बहु-एजेंसी कार्यक्रम के तहत एक टीका विकसित करने पर जोर दिया है। उन्होंने वर्ष के अंत तक और यहां तक कि चुनाव के दिन से पहले जल्द ही एक इसे लेकर सफलता की संभावना के बारे में बात की है।