प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि नेतन्याहू ने इजरायल की संसद में इस कदम की प्रशंसा करते हुए इसे ऐतिहासिक दिन करार दिया है। बता दें, नेतन्याहू लंबे समय से ईरान परमाणु समझौते की आलोचना करते रहे हैं। उन्होंने ईरान पर दोबारा अब तक के सबसे कड़े प्रतिबंध लगाने के लिए ट्रंप का आभार भी जताया।
बांग्लादेश: 1971 के युद्ध से मामले में 2 को फांसी, 100 लोगों की हत्या के जिम्मेदार बता दें कि अमरीका ने ईरान के तेल और आर्थिक क्षेत्र को निशाना बनाते हुए दंडात्मक प्रतिबंध फिर से लागू किए हैं। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार- विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ ने इसे ईरान के खिलाफ अब तक का सबसे कड़ा प्रतिबंध करार दिया है। ये प्रतिबंध सोमवार से लागू हुए हैं। अमरीका के राष्ट्रपति
डोनाल्ड ट्रंप ने मई में तेहरान के साथ बहुराष्ट्रीय परमाणु समझौते से अलग होने का विवादित निर्णय लिया था। ये प्रतिबंध उसी का नतीजा हैं। इससे ईरान के साथ कारोबार करने वाली तीसरे देशों की कंपनियां सीधे तौर पर प्रभावित होंगी।
संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट: ओजोन परत दोबरा अपने आकार में पहुंच रही, छिद्र भर रहे इससे दुनिया के तेल बाजार प्रभावित होंगे। हालांकि, अमरीका ने आठ देशों को ईरान से तेल आयात जारी रखने की अस्थाई छूट दी हुई है। जानकारों के अनुसार- इन प्रतिबंधों से ईरान के साथ व्यापार करने वाले तीसरे देशों की कंपनियों को नुकसान होगा।