48 घंटे से जीसैट-6 से नहीं है संपर्क
जानकारी के मुताबिक, पिछले 48 घंटे से इसरो की ओर से इस उपग्रह के बारे में कोई सूचना जारी नहीं की गई है। इस उपग्रह को लेकर आखिरी बुलेटिन 30 मार्च की सुबह 9.22 बजे जारी किया गया था। इसरो से जुड़े सूत्रों का कहना है कि उपग्रह में तकनीकी खराबी आ गई है और वैज्ञानिक-इंजीनियर इसको दूर करने में जुटे हुए हैं।
जानकारी के मुताबिक, पिछले 48 घंटे से इसरो की ओर से इस उपग्रह के बारे में कोई सूचना जारी नहीं की गई है। इस उपग्रह को लेकर आखिरी बुलेटिन 30 मार्च की सुबह 9.22 बजे जारी किया गया था। इसरो से जुड़े सूत्रों का कहना है कि उपग्रह में तकनीकी खराबी आ गई है और वैज्ञानिक-इंजीनियर इसको दूर करने में जुटे हुए हैं।
इस घटना को लेकर इसरो की तरफ से न तो कोई बयान अभी दिया गया है और न ही कोई इसपर बोलने को तैयार है। न ही अभी ये पता चल पा रहा है कि सैटेलाइट में आई खराबी को ठीक किया जा सकता है या नहीं।
270 करोड़ रुपए की लागत से तैयार हुआ था GSAT 6A
आपको बता दें कि 270 करोड़ रुपए की लागत से तैयार हुए कम्युनिकेशन सैटेलाइट GSAT 6A की लॉन्चिंग बीते गुरुवार को हुई थी। इसका वजन 2000 किलो है। इसका मुख्य तौर पर इस्तेमाल भारतीय सेना के लिए किया जाएगा। यह उपग्रह बेहद सुदूर क्षेत्रों में भी मोबाइल संचार में मदद करेगा इससे पहले 31 अगस्त 2017 में भी पीएसएलवी से IRNSS 1H उपग्रह की लॉन्चिंग असफल हो गई थी।
आपको बता दें कि 270 करोड़ रुपए की लागत से तैयार हुए कम्युनिकेशन सैटेलाइट GSAT 6A की लॉन्चिंग बीते गुरुवार को हुई थी। इसका वजन 2000 किलो है। इसका मुख्य तौर पर इस्तेमाल भारतीय सेना के लिए किया जाएगा। यह उपग्रह बेहद सुदूर क्षेत्रों में भी मोबाइल संचार में मदद करेगा इससे पहले 31 अगस्त 2017 में भी पीएसएलवी से IRNSS 1H उपग्रह की लॉन्चिंग असफल हो गई थी।
जनवरी में कार्यभार संभालने के बाद इसरो के चेयरमैन के. सिवान का ये पहला प्रोजेक्ट था। उन्होंने ही सेटेलाइट के अपनी कक्षा में स्थापित हो जाने की घोषणा की। ये सेटेलाइट वर्ष 2015 में लांच किए गए जीसेट-6 के साथ मिलकर एडवांस तकनीक के विकास के लिए प्लेटफार्म साबित होगा।