लॉन्चिंग से पहले दिया जा रहा है विशेष ध्यान
आपको बता दें कि लॉन्चिंग से पहले भी हर चरण पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। दरअसल मार्च में इसरो के अन्य उपग्रह जीसैट -6ए केे लॉन्च होने के कुछ देर बाद से ही उसका संपर्क एजेंसी से टूट गया था। लेकिन इस बार ऐसी किसी संभावना से बचने के लिए एजेंसी ने हर मुमकिन कोशिश की है। एक अधिकारी ने इस बारे में जानकारी देते हुए बताया कि लॉन्च से पहले जीसैट-11 की अच्छी तरह से जांच की गई है।
मई में ही किया जाना था कोरू से ल़ॉन्च
गौरतलब है कि इस उपग्रह को पिछले महीने की 26 तारीख को ही दक्षिण अमरीका के कोरू से लॉन्च किया जाना था लेकिन इससे पहले ही मार्च में जीसैट-6ए के साथ हुए वाकये के बाद इस फैसले को टालना पड़ा था। बता दें कि 5700 किलोग्राम वजन वाले जीसैट-11 से पहले भी भारत अपने सभी उपग्रह कोरू प्रक्षेपण केंद्र से ही लॉन्च करता रहा है।
प्रक्षेपण के लिए तारीख मिलने का इंतजार
इसरो मार्च में हुए लापता उपग्रह से अभी तक संपर्क स्थापित करने की पूरी कोशिश कर रहा है। लेकिन अभी तक वो अपने इस प्रयास में मामूली रूप से ही सफल हो पाएं हैं। मीडिया रिपोर्ट में इसरो से जुड़े एक अधिकारी के हवाले से बताया गया कि पूरी पड़ताल और अतिरिक्त जांच के बाद ही इस उपग्रह को लॉन्च के लिए फिट करार किया गया है। फिलहाल इसरो को इसके प्रक्षेपण के लिए तारीख मिलने का इंतजार है।