scriptस्वदेशी स्पेस शटल के दूसरे परीक्षण की तैयारी में इसरो | ISRO in preparation for second test of space shuttle | Patrika News

स्वदेशी स्पेस शटल के दूसरे परीक्षण की तैयारी में इसरो

Published: Jul 17, 2017 09:42:00 pm

Submitted by:

ghanendra singh

 दोबारा उपयोग में लाए जाने वाले प्रक्षेपण यान (आरएलवी-टीडी) के दूसरे प्रायोगिक प्रक्षेपण की तैयारियां शुरू हो गई हैं।

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बेंगलूरु। दोबारा उपयोग में लाए जाने वाले प्रक्षेपण यान (आरएलवी-टीडी) के दूसरे प्रायोगिक प्रक्षेपण की तैयारियां शुरू हो गई हैं। अगर सबकुछ ठीक रहा तो भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) एक साल के भीतर आरएलवी का दूसरा परीक्षण कर लेगा। पहले प्रायोगिक प्रक्षेपण के दौरान डेल्टा विंग वाले वायुयान के आकार के स्पेस शटल को अंतरिक्ष में भेजकर बंगाल की खाड़ी में उतारा गया था लेकिन दूसरे परीक्षण में शटल को जमीन पर लैंड कराने की तैयारी है। इसरो के उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार तिरुवनंतपुरम स्थित विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र (वीएसएससी) में दूसरे आरएलवी-टीडी के परीक्षण की तैयारियां प्रगति पर हैं। आरएलवी-टीडी प्रोटोटाइप-2 भी पहले आरएलवी के जैसा ही होगा लेकिन इसमें एक अतिरिक्त फीचर होगा और वह है लैंडिंग गियर। 


एक साल में तैयार होगी RLV का दूसरा मॉडल
इसरो अधिकारियों के मुताबिक अगले एक साल में आरएलवी का यह दूसरा मॉडल तैयार हो जाने की उम्मीद है। दूसरे परीक्षण की वर्तमान योजना के मुताबिक उसे कोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से छोड़ा जाएगा और देशके पूर्वोत्तर राज्यों में वायुसेना की एक गुप्त हवाई पट्टी पर उतार लिया जाएगा। हालांकि, इसपर अभी अंतिम फैसला होना बाकी है। अंतरिक्ष कार्यक्रमों की लागत घटाने के उद्देश्य से पूर्णत: स्वदेशी तकनीक से विकसित किए जा रहे भारतीय स्पेस शटल के तैयार होने के लिए कम से कम 4 से 5 परीक्षण आवश्यक होंगे और इसमें 10 से 15 साल का वक्त लग जाएगा। पूर्ण रूप से विकसित आरएलवी का उपयोग उपग्रहों के प्रक्षेपण के लिए कई बार किया जा सकेगा।
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