यह भी पढ़ेंः मनोहर पर्रिकर बने रहेंगे गोवा के मुख्यमंत्री, फिलहाल नेतृत्व में कोई बदलाव नहींः तेंडुलकर वाणिज्यिक व्यवस्था के तहत हुई लॉन्चिंग पीएसएलवी ब्रिटेन की सरे सैटेलाइट टेक्नॉलजी लिमिटेड के दो उपग्रहों को साथ ले गया, जिसे इसरो की वाणिज्यिक इकाई एंट्रिक्स कॉर्पोरेशन लिमिटेड की वाणिज्यिक व्यवस्था के तहत ले जाया जा रहा है। इन उपग्रहों का उपयोग जंगलों के नक्शे बनाने, बाढ़ समेत अन्य आपदाओं की निगरानी के लिए किया जाएगा।
पेट्रोल-डीजल सस्ता होने का भरोसा दिला रही है भाजपा, अब क्या मुफ्त मिलेगा कच्चा तेलः चिदंबरम पौने 18 मिनट की होगी उड़ान प्राप्त जानकारी के मुताबिक सूर्य की 583 किलोमीटर की सिंक्रोनस ऑर्बिट में दो भू-अवलोकन उपग्रहों को स्थापित किया जाएगा। 44.4 मीटर लंबे और 230.4 टन भार के पीएसएलवी रॉकेट की कुल उड़ान 17 मिनट 44 सेकंड की होगी।
यह भी पढ़ेंः तेलंगाना की मतदाता सूची में 70 लाख नामों से छेड़छाड़, केसीआर ने की गड़बड़ः कांग्रेस इस साल में तीसरी बार हुई लॉन्चिंग उल्लेखनीय है कि 2018 में इसरो की तरफ से तीसरी बार लॉन्चिंग की जा रही है। इससे पहले मौसम संबंधी उपग्रह कार्टोसैट-2 श्रृंखला और नेविगेशन में काम आने वाले उपग्रह आईआरएनएसएस-1आई भेजा था। इसरो ने लगातार उपलब्धियों के चलते अंतरिक्ष के क्षेत्र में पूरी दुनिया में अपनी पहचान स्थापित की है। इसरो के बूते भारत ने विज्ञान के क्षेत्र में काफी प्रगति की है। मिशन चंद्रयान के बाद से ही इसरो की गणना शीर्ष अंतरिक्ष क्षमता वाले संस्थानों में होने लगी है।