इसरो के विभिन्न केंद्रों पर मिशन को सफल बनाने के लिए तेजी से काम चल रहा है। इसरो के वैज्ञानिकों ने मीडियो को बताया कि इसरो ने कम समय में इस मिशन को पूरा करने के लिए कई समितियां बनाई हैं।
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इसरो द्वारा गठित इन समितियों की अक्टूबर से लेकर अब तक उच्च स्तरीय बैठक हो चुकी है। इन बैठकों के बाद फैसला लिया गया है कि चंद्रयान-3 मिशन में सिर्फ लैंडर और रोवर भेजा जाएगा। इसमें ऑर्बिटर नहीं होगा। क्योंकि चंद्रयान-3 के लिए इसरो वैज्ञानिक चंद्रयान-2 का ऑर्बिटर उपयोग करेंगे। यह ऑर्बिटर अगले सात सालों तक काम करेगा।
इसरो द्वारा गठित इन समितियों की अक्टूबर से लेकर अब तक उच्च स्तरीय बैठक हो चुकी है। इन बैठकों के बाद फैसला लिया गया है कि चंद्रयान-3 मिशन में सिर्फ लैंडर और रोवर भेजा जाएगा। इसमें ऑर्बिटर नहीं होगा। क्योंकि चंद्रयान-3 के लिए इसरो वैज्ञानिक चंद्रयान-2 का ऑर्बिटर उपयोग करेंगे। यह ऑर्बिटर अगले सात सालों तक काम करेगा।
जानकारी के मुताबिक इसरो के वैज्ञानिक चंद्रयान-2 के ऑर्बिटर का ही उपयोग चंद्रयान-3 के लिए करेंगे। इस साल सितंबर में इसरो ने चंद्रयान-2 के लैंडर की चंद्रमा पर सॉफ्ट लैंडिंग कराने की कोशिश की थी। लेकिन इसरो के वैज्ञानिक इस लक्ष्य को हासिल करने में फेल हो गए थे।
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वर्तमान में चंद्रयान-2 का ऑर्बिटर काम कर रहा है। चंद्रयान-3 के लिए बनाई गई ओवरव्यू कमेटी ने चंद्रयान-3 को लेकर 10 बिंदुओं पर फोकस किया है। इन बिंदुओं में लैंडिंग की जगह, सही नेविगेशन, सेंसर और इंजीनियरिंग आदि शामिल हैं।
वर्तमान में चंद्रयान-2 का ऑर्बिटर काम कर रहा है। चंद्रयान-3 के लिए बनाई गई ओवरव्यू कमेटी ने चंद्रयान-3 को लेकर 10 बिंदुओं पर फोकस किया है। इन बिंदुओं में लैंडिंग की जगह, सही नेविगेशन, सेंसर और इंजीनियरिंग आदि शामिल हैं।
लैंडर के पांव होंगे ज्यादा मजबूत
ओवरव्यू कमेटी ने इस बात पर भी ध्यान रखा है कि इस बार लैंडर के पांव ज्यादा मजबूत बनाए जाएं। ताकि तेजी से लैंडिंग करने पर लैंडर को नुकसान न पहुंचे। वह क्रैश न हो। साथ ही चांद पर चंद्रयान-3 को भेजने के लिए पृथ्वी और चांद के चक्कर भी कम लगाने की तैयारी भी चल रही है।
ओवरव्यू कमेटी ने इस बात पर भी ध्यान रखा है कि इस बार लैंडर के पांव ज्यादा मजबूत बनाए जाएं। ताकि तेजी से लैंडिंग करने पर लैंडर को नुकसान न पहुंचे। वह क्रैश न हो। साथ ही चांद पर चंद्रयान-3 को भेजने के लिए पृथ्वी और चांद के चक्कर भी कम लगाने की तैयारी भी चल रही है।
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इसरो की ओर से मिशन चंद्रयान-3 को लेकर 5 अक्टूबर को एक आधिकारिक नोटिस भी जारी किया गया है। इसमें कहा गया है कि यह जरूरी है कि चंद्रयान-2 की एक्सपर्ट कमेटी द्वारा दी गई सिफारिशों पर ध्यान देकर लैंडर में बदलाव करने और इसमें सुधार करने की दिशा में काम किया जाए। हालांकि अभी तक लैंडर के वजन और उसमें लगाए जाने वाले उपकरणों के बारे में अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है।
इसरो की ओर से मिशन चंद्रयान-3 को लेकर 5 अक्टूबर को एक आधिकारिक नोटिस भी जारी किया गया है। इसमें कहा गया है कि यह जरूरी है कि चंद्रयान-2 की एक्सपर्ट कमेटी द्वारा दी गई सिफारिशों पर ध्यान देकर लैंडर में बदलाव करने और इसमें सुधार करने की दिशा में काम किया जाए। हालांकि अभी तक लैंडर के वजन और उसमें लगाए जाने वाले उपकरणों के बारे में अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है।