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दिवाली पर भारत की नई कामयाबी, अंतरिक्ष में पहुंचा GSAT-15

Published: Nov 11, 2015 11:10:00 am

इसरो ने भारत का संचार उपग्रह जीसैट-15 आज तड़के फ्रेंच गुयाना के कोरू अंतरिक्ष प्रक्षेपण केंद्र से एरियाने-5 रॉकेट के जरिए सफलतापूर्वक प्रक्षेपित कर दिया

GSAT-15

GSAT-15

बेंगलुरू। भारत ने आज दिवाली के मौके पर आज तड़के सुबह अपना तीसरा उपग्रह अंतरिक्ष में प्रक्षेपित किया है। इसरो ने भारत का संचार उपग्रह जीसैट-15 आज तड़के फ्रेंच गुयाना के कोरू अंतरिक्ष प्रक्षेपण केंद्र से एरियाने-5 रॉकेट के जरिए सफलतापूर्वक प्रक्षेपित कर दिया।

यूरोपीय लॉन्‍चर भारतीय समयानुसार तड़के 3 बजकर 4 मिनट पर रवाना हुआ और जीसैट-15 को त्रुटिरहित उड़ान में अंतरिक्ष में पहुंचा दिया। जीसैट-15 को इसके सहयात्री अरबसैट-6बी :बीएडीआर-7: को अंतरिक्ष में भेजे जाने के बाद जीओसिंक्रोनस ट्रांसफर कक्षा में प्रक्षेपित किया गया।

जीसैट-8 और जीसैट-10 के बाद जीसैट-15 ऐसा तीसरा उपग्रह है, जो गगन पेलोड को लेकर गया है। जीसैट-8 और जीसैट-10 पहले से ही कक्षा से नेविगेशन की सेवाएं मुहैया करा रहे हैं। इसमें केयू-बैंड वाला प्रकाश स्तंभ भी लगा है ताकि जमीन पर लगे एंटीना को उपग्रह की ओर सटीक ढंग से संतुलित किया जा सके। जीसैट-15 ऐसा 19वां पेलोड होगा, जिसे एरियानेस्पेस ने इसरो के लिए प्रक्षेपित किया है। 

जीसैट-15 को लॉन्च करने को लेकर एरियानस्पेस ने कहा कि एरियानस्पेस ने दो उपग्रहों संचालक अरबसैट के लिए अरबसैट-6बी (बीएडीआर-7) और इसरो (भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन) के लिए जीसैट-15 का का सफल प्रक्षेपण किया। 

इसरो ने कहा कि उड़ान के समय कुल 3,164 किलोग्राम के वजन वाला जीसैट-15 इनसैट : जीसैट प्रणाली में शामिल किया जाने वाला उच्च क्षमता संपन्न उपग्रह है। इसमें केयू- बैंड के 24 संचार ट्रांसपोंडर हैं और यह गगन (जीपीएस एडेड जियो ऑग्यूमेंटेड नेविगेशन) पेलोड एल1 और एल 5 बैंड में संचालित हो रहा है।

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