चंद्रयान-3 को चांद पर भेजने की तैयारी शुरू करेंगे वैज्ञानिक!
इसरो के वैज्ञानिकों ने भविष्य की योजना पर भी काम करना शुरू कर दिया है। वैज्ञानिकों का मानना है कि अगर चंद्रयान-2 के विक्रम लैंडर से संपर्क नहीं हो पाता है तो भविष्य में किस तरह उससे संपर्क साधने की कोशिश की जा सकती है। इसके लिए वैज्ञानिकों ने चंद्रयान-3 में विक्रम और प्रज्ञान को चांद पर भेजने का फैसला किया है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इसरो के सूत्रों ने बताया है कि वैज्ञानिकों ने इस बात पर विचार करना शुरू कर दिया है कि अगर विक्रम लैंडर से संपर्क नहीं हुआ तो वो विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर का अपग्रेडेड वर्जन चंद्रयान-3 चांद पर भेजा जाएगा।
चंद्रयान-2 के आंकड़ों पर तैयार होगा चंद्रयान-3
इसको की तरफ से हालांकि अभी इस बात की कोई चर्चा नहीं की गई है, लेकिन सूत्रों की तरफ से कहा जा रहा है कि चंद्रयान-2 के आंकड़ों के आधार पर चंद्रयान-3 मिशन पूरा किया जाएगा। चंद्रयान-3 की संभावित तारीख 2024 थी, लेकिन अब लग रहा है कि इस मिशन में थो़ड़ी देर हो जाएगी।
कई आधुनिक तकनीक से लैस होगा चंद्रयान-3
जानकारी के मुताबिक, चंद्रयान-3 में जाने वाले लैंडर और रोवर में विक्रम लैंडर से ज्यादा बेहतरीन सेंसर्स, बेहतरीन कैमरा, अत्याधुनिक कंट्रोल प्रोसेस और ज्यादा ताकतवर संचार प्रणाली लगाई जाएगी। इसके अलावा चंद्रयान-3 में उस कमी को पूरा किया जाएगा, जिसकी वजह से विक्रम लैंडर से संपर्क नहीं हो पा रहा है। बताया जा रहा है कि चंद्रयान-3 के सभी हिस्सों में बैकअप संचार प्रणाली भी लगाई जा सकती है ताकि किसी भी प्रकार की अनहोनी होने पर बैकअप संचार प्रणाली का उपयोग किया जा सके।
जापान करेगा इसरो की मदद
बताया जा रहा है कि मिशन चंद्रयान-3 के लिए जापान इसरो की मदद कर सकता है। इसके लिए जापान अपने सबसे ताकतवर रॉकेट एच-3 का उपयोग करेगा। हालांकि, अभी यह रॉकेट बनाया जा रहा है। इस मिशन के लिए भारत लैंडर और ऑर्बिटर देगा और जापान रॉकेट और रोवर की सुविधा प्रदान करेगा। इससे उम्मीद जताई जा रही है कि जापान के ताकतवर रॉकेट की वजह से चंद्रयान-3 जल्दी चांद पर पहुंचेगा।