जीएसएलवी-एफ05 के प्रक्षेपण को “anomaly” के चलते 40 मिनट के लिए स्थगित कर दिया गया था।
श्रीहरिकोटा। तकनीकी गड़बड़ी के कारण 40 मिनट की देरी से इसरो के जीएसएलवी-एफ05 का प्रक्षेपण सफलतापूर्वक हो गया। यह जीएसएलवी का पहला ऑपरेशनल लॉन्च है। इससे पहले 9 में से 5 बार इसका प्रक्षेपण असफल रहा है। जीएसएलवी इसरो के अत्याधुनिक मौसम उपग्रह इनसैट-3डीआर को ले जा रहा है। गौरतलब है कि जीएसएलवी-एफ05 के प्रक्षेपण को “anomaly” के चलते 40 मिनट के लिए स्थगित कर दिया गया था।
मिलेगी मौसम सटीक एवं व्यापक जानकारी
इनसैट-3डीआर एक अत्याधुनिक मौसम उपग्रह है, जिसमें बेहतरीन इमेजिंग सिस्टम और एटमॉस्फियरिक साउंडर लगाए गए हैं। यह उपग्रह जमीन से 70 किलोमीटर तक की ऊंचाई तक 40 स्तरों पर वायुमंडल का तापमान और 15 किलोमीटर की ऊंचाई तक 21 स्तरों पर नमी का लेवल सही ढंग से माप सकता है। वैसे मौसम की जानकारी के लिए तीन उपग्रह कल्पना-1, इनसैट-3 और इनसैट-3डी पहले से ही भू-स्थैतिक कक्षा में हैं और मौसम की सटीक जानकारी दे रहे हैं, लेकिन इनसैट 3 डीआर इन तीनों उपग्रहों की तुलना में बेहतर है। इस लॉन्च के लिए उल्टी गिनती बुधवार रात को शुरू हुई थी। अंतरिक्ष एजेंसी ने यह जानकारी दी थी. इससे पहले मिशन तैयारी समीक्षा समिति और प्रक्षेपण प्राधिकार बोर्ड ने उल्टी गिनती को मंजूरी दी थी।
यह इनसैट 3 डी का उन्नत संस्करण है। यह मिडिल इंफ्रारेड बैंड की इमेजिंग करने वाली क्षमता से लैस है और इससे रात के वक्त भी बादलों और कोहरे की सटीक जानकारी ली सकेगी। यह उपग्रह दो थर्मल इंफ्रारेड बैंड में इमेजिंग के जरिए अथाह सागर की सतह के तापमान का सटीक आंकड़े भी प्रदान करेगा। इससे विदेशी एजेंसियों पर भारत के मौसम विभाग की निर्भरता काफी हद तक कम हो जाएगी। इन खूबियों के अलावा इनसैट-3डीआर डेटा रिले ट्रांसपोडर तथा राहत एवं बचाव ट्रांसपोडर से भी लैस है। इससे आपदाकाल में लोगों को ढूंढकर बचाने में मदद मिलेगी।