#बिग ब्रेकिंगः इसरो चीफ ने चंद्रयान-2 को लेकर खुद ही कर दिया सबसे बड़ा खुलासा… विक्रम लैंडर के साथ.. इंसानों को ले जाने वाले भारत के पहले गगनयान मिशन के लिए रूस मदद को तैयार हो गया है। रूस ना केवल भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों को गगनयान अभियान के लिए प्रशिक्षित करेगा, बल्कि वो भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों को लाइफ सपोर्ट सिस्टम और स्पेसक्राफ्ट को गर्म रखने वाला सिस्टम भी मुहैया कराएगा।
#बिग ब्रेकिंगः चंद्रयान-2 का सबसे बड़ा खुलासा.. चंद्रमा को लेकर दूर कर दी यह… वैज्ञानिक भी रह गए… इस संबंध में रूस की अंतरिक्ष एजेंसी रॉसकॉसमॉस की सहयोगी कंपनी Glavkosmos ने पिछले सप्ताह इसरो के ह्युमन स्पेस फ्लाइट सेंटर (एचएसएफसी) के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए।
रॉसकॉसमॉस द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति के मुताबिक यह समझौता इंसान को भेजे जाने वाले अंतरिक्षयान गगनयान की तापमान व्यवस्था और लाइफ सपोर्ट सिस्टम के लिए रूस के फ्लाइट उपकरणों के इस्तेमाल की संभावना को जांचने वाली परियोजना के निरीक्षण के लिए किया गया है।
बिग ब्रेकिंगः चंद्रयान-2 के विक्रम लैंडर की तस्वीर को लेकर सबसे बड़ा खुलासा… इस दिन आएगी खुशखबरी.. दिसंबर 2021 में लॉन्च किए जाने वाले इस गगनयान मिशन की लागत तकरीबन 10 हजार करोड़ रुपये आएगी। इसके दो बेहद जरूरी हिस्सं के लिए Glavkosmos के महानिदेशक डिमित्री लोसकुतोव और एचएसएफसी के प्रमुख उन्नीकृष्णन नायर ने समझौते पर हस्ताक्षर किए।
अभी-अभीः चंद्रयान-2 के ऑर्बिटर ने खींची चंद्रमा की तस्वीर, यह है इनकी सच्चाई, जानकर रह जाएंगे… क्या है लाइफ सपोर्ट सिस्टम यह कई डिवाइसों को मिलाकर बनाया जाने वाला एक ऐसा सिस्टम है जो किसी व्यक्ति को अंतरिक्ष में जिंदा रखने के लिए जरूरी है। यह सिस्टम अंतरिक्ष यात्री को पानी, हवा और भोजन प्रदान करता है। शरीर का उचित तापमान बनाए रखता है और ह्युमन वेस्ट प्रोडक्ट्स से निपटता है।
थर्मल कंट्रोल सिस्टम किसी भी अंतरिक्षयान के तापमान नियंत्रण के बेहद जरूरी। यह पूरे अभियान के दौरान स्पेसक्राफ्ट के भीतर हर उपकरण के लिए जरूरी तापमान मुहैया कराने वाला सिस्टम होता है। इसकी अहमियत का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि अगर किसी उपकरण को निर्धारित तापमान नहीं दिया गया तो जरूरत से ज्यादा या कम तापमान में वो सिस्टम ही बेकार हो सकता है और अभियान पर गंभीर असर पड़ सकता है।
कैबिनेट ने 10 हजार करोड़ रुपए किए मंजूर भारत के पहले अंतरिक्ष मानव मिशन ‘गगनयान’ को 28 दिसंबर 2018 केंद्रीय कैबिनेट से मंजूरी मिली थी। इसरो के इस महत्वकांक्षी अभियान पर 10 हजार करोड़ रुपए की लागत का अनुमान है।
बड़ी खबरः इसरो चीफ के सामने इस दिग्गज का खुलासा, विक्रम से संपर्क करने में यह सिस्टम बना परेशानी लाल किले से पीएम मोदी ने किया था ऐलान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 15 अगस्त 2018 को लाल किले से घोषणा की थी कि वर्ष 2022 तक इसरो देश के पहले मानव मिशन को अंजाम देगा। पीएम ने अपने संबोधन में कहा था कि अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी में हमारा और हमारे वैज्ञानिकों का एक सपना है।
उन्होंने कहा था कि यह घोषणा करने में प्रसन्नता हो रही है कि वर्ष 2022 तक 75वें स्वतंत्रता साल पर हम अंतरिक्ष में एक मानव मिशन भेजने की योजना बना रहे हैं। पीएम ने कहा कि हम वर्ष 2022 या उससे पहले अंतरिक्ष में भारतीय को पहुंचाएंगे। इसरो इस परियोजना पर वर्ष 2004 से ही काम कर रहा है।