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अंतरिक्ष में बजेगा भारत का डंका, इसरो आज लॉन्च करेगा कम्युनिकेशन सैटेलाइट GSAT-6A

Published: Mar 29, 2018 09:29:53 am

Submitted by:

Chandra Prakash

270 करोड़ की लागत से बना जीसैट-6ए मोबाइल संचार के क्षेत्र में अहम भूमिका निभाएगा।

GSAT-6A
नई दिल्ली। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) आज GSAT-6A सैटेलाइट लॉन्च करेगा। इसे कम्युनिकेशन सैटेलाइट भी कहा जा रहा है। 270 करोड़ की लागत से बना जीसैट-6ए मोबाइल संचार के क्षेत्र में अहम भूमिका निभाएगा। यह चेन्नई से लगभग 80 किलोमीटर दूर श्रीहरिकोटा अंतरिक्ष केंद्र के लांच पैड-2 से शाम 4:56 बजे उड़ान भरेगा।
10 साल होगा GSAT-6A का जीवनकाल
GSAT-6A का वजन 2140 किग्रा है और यह एक उच्च शक्ति का एस बैंड संचार उपग्रह है। इसरो ने बताया कि इस उपग्रह को भारत के आधुनिक जियोसिनक्रोनस उपग्रह प्रक्षेपण यान यानी जीएसएलवी रॉकेट की मदद से अंतरिक्ष में पहुंचाया जाएगा। जीएसएलवी-एमके II एफ08 रॉकेट उपग्रह को पृथ्वी की कक्षा में सटीक जगह पर स्थापित करेगा। इस उपग्रह का जीवनकाल 10 वर्ष होगा।
बनेगी कम्युनिकेशन की सबसे बड़ी ताकत
इसरो की ओर से बताया गया कि GSAT-6A इससे पहले लांच हुए जीसैट-6 के जैसा ही उपग्रह है। इसे विकसित की गई आधुनिक तकनीक से लैस किया गया है। इसमें 6एम एस-बैंड अनफ्लेरेबल एटीना, हैंडहेल्ड ग्राउंड टर्मिनल व नेटवर्क प्रबंधन जैसी कई तरह की तकनीक शामिल है। यह उपग्रह मोबाइल संचार के क्षेत्र में अहम भूमिका निभाएगा।
17 मिनट बाद उपग्रह से होगा अलग
यह जीएसएलवी की 12वीं उड़ान होगी और स्वदेशी क्रायोजेनिक इंजन के साथ छठी उड़ान होगी। उड़ान भरने के 17 मिनट बाद इसके साथ गया उपग्रह इससे अलग हो जाएगा तथा 36 हजार किलोमीटर की ऊंचाई पर कक्षा में स्थापित हो जाएगा। 2140 किलोग्राम वजनी एस बैंड संचार उपग्रह जीसैट-6ए लेकर जाने वाले जीएसएलवी -एमके II एफ08 रॉकेट के प्रक्षेपण की उल्टी गिनती बुधवार दोपहर बाद 1:56PM बजे शुरू हुई है।
नेविगेशन सेटेलाइट भी लॉन्च करेगा इसरो
इसरो के चेयरमैन के. सिवन ने भविष्य की योजनाओं के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि जीसैट-6ए के बाद एक नेविगेशन उपग्रह को लांच करने की तैयारी है। जीसैट-6ए के साथ मौजूदा वित्त वर्ष का समापन होगा जबकि अगले नेविगेशन उपग्रह को आगामी वित्त वर्ष में प्रक्षेपित किया जाएगा।
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