सीजेआई ने ये टिप्पणी सुप्रीम कोर्ट में तबलीगी जमात की मीडिया रिपोर्टों के खिलाफ जमीयत उलेमा ए हिंद व पीस पार्टी समेत अन्य लोगों की याचिका पर सुनवाई के दौरान की। कोर्ट ने कहा कि कुछ समाचारों पर नियंत्रण उतना ही महत्वपूर्ण है जितना कि कुछ निवारक उपाय अपनाना और कानून और व्यवस्था की स्थिति की जांच करनां मैं नहीं जानता कि इसके लिए आपकी आंखें बंद क्यों हैं?
सीजेआई ने कहा कि फेक न्यूज कि वजह से हिंसा हो, किसी की जान जाए, यह नहीं होना चाहिए। किसी खबर की वजह से ऐसी स्थिति नहीं पैदा होनी चाहिए। हम मीडिया को रिपोर्टिंग करने से नहीं रोक सकते
याचिकाकर्ता ने कहा कि सरकार के पास ऐसे कार्यक्रम पर रोक लगाने कि शक्ति है। केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल कर कहा था कि मीडिया को जमात के मुद्दे पर रिपोर्टिंग करने से नहीं रोक सकते। यह प्रेस की स्वतंत्रता का मामला है। मरकज के बारे में अधिकांश रिपोर्टें गलत नहीं थीं।
आपको बता दें कि गणतंत्र दिवस के दिन किसानों ने ट्रैक्टर रैली निकाली थी जो हिंसक हो गई। हिंसा की घटना में किसानों ने कई जगहों पर तोड़फोड़ की और 394 पुलिसकर्मी घायल हुए।