script

इस्लाम में फेसबुक और व्हाट्सएप पर महिला और पुरुष की फोटो अपलोड करना गलत

locationनई दिल्लीPublished: Oct 19, 2017 05:31:28 pm

Submitted by:

Prashant Jha

दारुल उलूम की ओर से कहा गया है कि यह फतवा जारी तो सिर्फ एक व्यक्ति के लिए हुआ है लेकिन यह दुनिया भर के सभी मुस्लिमों के लिए हैं। It is wrong to uploa

upload photos on Facebook and Whatsapp, darul uloom fatwa
नई दिल्ली: इस्लामिक संस्थान दारुल उलूम देवबंद ने सोशल मीडिया पर फोटो लगाने या शेयर करने पर फतवा जारी किया है। इस्लामिक संस्थान ने इसे गलत करार दिया है। दरअसल एक शख्स ने पूछा था कि क्या सोशल मीडिया फेसबुक और व्हाट्सएप पर पर अपनी या पत्नी का फोटो अपलोड करना इस्लाम में वाजिब है? इसपर संस्था ने कहा कि यह पूरी तरह से गलत है। संस्था ने साफ कहा कि मुस्लिम पुरुषों और महिला अपनी या अपने परिवार की फोटो फेसबुक, वाट्सऐप या किसी भी सोशल साइट पर अपलोड या शेयर करना इस्लाम में वाजिब नहीं है। दारुल उलूम की ओर से कहा गया है कि यह फतवा जारी तो सिर्फ एक व्यक्ति के लिए हुआ है लेकिन यह दुनिया भर के सभी मुस्लिमों के लिए हैं।
दारुल उलूम संस्था दुनिया के लोग आपस में सोशल मीडिया से जुड़े हुए हैं। इस मसले पर मदरसा जामिया, हुसैनिया के मुफ्ती तारीख कासमी ने कहा कि यह फतवा बिल्कुल सही है। उन्होंने कहा कि इस्लाम के अनुसार फेसबुक, ट्विटर और अन्य सोशल मीडिया साइट्स पर अपनी या पत्नी या फिर किसी भी अन्य महिला की फोटो अपलोड करना या शेयर करना नाजायज है।

दारुल उलूम ने जारी किया फतवा ?

कुछ दिन पहले एक शख्स ने दारुल इफ्ता से फतवे को लेकर सवाल पूछा था। इसमें शख्स ने दारुल उलूम से ये जानना चाहा था कि अपनी और पत्नी की तस्वीर सोशल मीडिया पर पोस्ट करना गैर इस्लामी है या नहीं। इसी सवाल के जवाब में दारुल इफ्ता ने फतवा जारी करते हुए इस हरकत को गैर इस्लामी करार दिया है। इतना ही नहीं पिछले महीने देवबंद ने महिलाओं के आई-ब्रो बनवाने, बाल कटवाने को लेकर भी फतवा जारी किया था। जिसका चौतरफा विरोध हुआ था।

5 साल पहले भी जारी हुआ था फतवा
गौरलतब है कि 5 साल पहले साल 2012 में उत्तर प्रदेश के बरेली जिले में दरगाह आला हजरत के एक मदरसे ने भी फेसबुक, ट्विटर जैसी सोशल नेटवर्किंग साइट्स पर फोटो अपलोड करने को नाजायज करार देते हुए मुसलमानों को इससे परहेज करने की सलाह दी थी। उस वक्त इजहार नाम के शख्स ने मदरसा मंजर-ए-इस्लाम के फतवा विभाग से इसको लेकर सवाल किया था। उस वक्त मुफ्ती सैयद मोहम्मद कफील ने कहा कि इस्लाम में तस्वीर को नाजायज करार दिया गया है। इंटरनेट पर शादी के लिए या फिर फेसबुक पर फोटो अपलोड करने को गलत बताया गया था। उन्होंने कहा था कि शादी के लिए फोटो लगाना बेहयाई है और मुसलमानों को इससे बचना चाहिए।

ट्रेंडिंग वीडियो