हनीप्रीत के वकील एपी सिंह का कहना है कि रोहतक जिले की सुनारिया जेल प्रशासन से हनीप्रीत की ओर से कई बार राम रहीम से मिलने की इजाजत मांगी गई। जब इसकी अनुमति नहीं मिली तो आरक्षी महानिरीक्षक जेल को चिट्ठी भी लिखी गई। पत्र में उनसे हनीप्रीत को राम रहीम से मिलने की इजाजत देने और मिलवाने की व्यवस्था करने का आग्रह किया गया। लेकिन जेल प्रशासन का कहना है कि जेल नियमों के हिसाब से बंदी से मुलाकात करने वालों की जो सूची है उसमें हनीप्रीत का नाम नहीं है।
इतना ही नहीं हनीप्रीत के वकील का कहना है कि राम रहीम से मिलने वालों की सूची में महज 10 मिनट का काम है। लेकिन, पिछले दस दिनों से हनीप्रीत हर चक्कर लगा रही है लेकिन उसे मिलने नहीं दिया जा रहा है। दरअसल, जेल प्रशासन को लग रहा है कि अगर हनीप्रीत और राम रहीम की मुलाकात हुई तो कानून-व्यवस्था बिगड़ सकती है। हालांकि, प्रशासन की ओर से इस मामले पर अब तक कोई बयान नहीं दिया गया है। अब देखना यह है कि हनीप्रीत को राम रहीम से मिलने की इजाजत दी जाती है या फिर कुछ और परिणाम सामने आता है।