बता दें कि एक दिवसीय राज्य के दौरे के लिए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। शेर-ए-कश्मीर इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस के बाहर सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त किए गए हैं। गौरतलब है कि गृहमंत्री के दौरे के एक दिन पहले पाकिस्तानी बैट हमले में तीन जवान शहीद हुए थे। जबकि राज्य में स्थानीय एवं पंचायत चुनावों के बाद राजनाथ सिंह की यह यात्रा काफी महत्पूर्ण मानी जा रही है। राज्य की दो बड़ी मुख्य पार्टियों पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) और नेशनल कांफ्रेंस (एनसी) ने चुनाव का बहिष्कार किया था।
कश्मीर बंद से जनजीवन रहा ठप,इन अलगाववादी नेताओं पर अभी भी जारी है नजरबंदी राज्यपाल शासन लागू होने के बाद पहला दौरा राज्य में जून में राज्यपाल शासन लागू होने के बाद यह केंद्रीय गृह राज्य मंत्री राजनाथ सिंह का कश्मीर घाटी का पहला दौरा है। राजनाथ सिंह का दौरा उस वक्त हो रहा है, जबकि दो दिन पहले ही कुलगाम में हुई 7 नागरिकों की मौत के बाद यहां तनावपूर्ण हालात बने हुए हैं।
कुलगाम एनकाउंटर के बाद एक धमाके में नागरिकों की मौत हुई थी। जबकि तीन आतंकी मारे गए थे, वहीं इस मुठभेड़ में दो जवान भी जख्मी हुए थे। इसके विरोध में सोमवार को अलगाववादियों ने बंद का ऐलान किया। कश्मीर घाटी में सोमवार को अलगाववादियों द्वारा प्रायोजित बंद और कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए प्रशासन द्वारा विभिन्न इलाकों में लागू निषेधाज्ञा से सामान्य जनजीवन बुरी रह बाधित रहा।
रेल सेवा, सार्वजनिक परिवहन सेवाएं ठप रहने से लोगों को परेशानी उठानी पड़ी। संवेदनशील इलाकों में मोबाइल, इंटरनेट सेवा नहीं चली। श्रीनगर में डाटा स्पीड की गति को सीमित कर दिया गया। उधर राज्य में सीजफायर उल्लंघन और घुसपैठ की आशंकाओं को देखते हुए एलओसी और सीमा पर हाई अलर्ट भी घोषित किया गया है।